नई दिल्ली, लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर मुख्य आरोपी व केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा इस समय जमानत पर बाहर हैं. जहां सुप्रीम कोर्ट कल यानि सोमवार को उनकी जमानत को रद्द करने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई होगी. बता दें, 10 फरवरी को इलाहबाद हाईकोर्ट ने आशीष को जमानत दे दी थी. गवाहों […]
नई दिल्ली, लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर मुख्य आरोपी व केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा इस समय जमानत पर बाहर हैं. जहां सुप्रीम कोर्ट कल यानि सोमवार को उनकी जमानत को रद्द करने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई होगी. बता दें, 10 फरवरी को इलाहबाद हाईकोर्ट ने आशीष को जमानत दे दी थी.
आपको बता दें, चार अप्रैल को चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. जिसका फैसला सुप्रीम कोर्ट कल सुबह साढ़े दस बजे सुनाएगा. ये याचिका पीड़ित परिवार के सदस्यों द्वारा कोर्ट में आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत को रद्द करने के लिए दायर की गयी थी. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे द्वारा दलील दी गयी थी कि एसआईटी की रिपोर्ट के साथ-साथ हाईकोर्ट द्वारा चरगेशित को नज़रअंदाज़ किया गया.
दवे ने आगे कहा था कि आरोपी गंभीर है और गवाहों की जान को खतरा है. यहां तक की याचिकाकर्ता के वकील द्वारा दलील दी गयी कि हाईकोर्ट के फैसले में दिमागी कसरत का भी अभाव था.
आशीष मिश्रा की ओर से वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने मामले में हाईकोर्ट के जमानती आदेश का बचाव किया है. रंजीत ने इस मामले में अदालत में दलील देते हुए कहा कि उनका मुवक्किल घटना के समय मौके पर मौजूद ही नहीं था. आगे उन्होंने कहा यदि अदालत जमानत के लिए कोई शर्त जोड़ना चाहती है तो वो ऐसा कर सकती है.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट. के 10 फरवरी के फैसले को लेकर आपत्ति जताई थी और आशीष मिश्रा की जमानत को लेकर प्राथमिकी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ‘अप्रासंगिक’ विवरण पर भरोसा किया गया था. बता दें, बीते साल 2021 में 3 अक्तूबर को कुछ किसान समूह में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की लखीमपुर खीरी जिले की यात्रा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे तब चार किसान एक एसयूवी द्वारा कुचले जाने के बाद मारे गए थे. जिसमें कई घायल भी हुए थे. इस मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर आशीष मिश्रा का नाम सबसे आगे था.