Labours Covid 19 Positive: हरियाणा के विभिन्न जिलों से दो-तीन दिन पहले यूपी भेजे गए करीब 15 कंफर्म कोरोना मरीजों के अलावा 10 कोरोना संदिग्ध मरीजों की सूचना के बाद पूरे राज्य में हड़कंप मच गया. प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव ने सभी जिलों के उपायुक्तो को मामलों की जांच करने को कहा है.
यमुनानगर. हरियाणा के यमुनानगर सहित विभिन्न जिलों से दो-तीन दिन पहले उत्तर प्रदेश भेजे गए करीब 15 कंफर्म कोरोना मरीजों के अलावा 10 कोरोना संदिग्ध मरीजों की सूचना के बाद पूरे राज्य में हड़कंप मच गया है. जानकारी के अनुसार प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव ने सभी जिलों के उपायुक्तो को मामलों की जांच करने को कहा है. सूत्रों के अनुसार इसके बाद यमुनानगर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में यूपी पहुंचे उक्त कंफर्म मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों को चिहिन्त किया जा रहा है. यह भी पता लगाया जा रहा है कि कोरोना कंफर्म प्रवासी श्रमिक हरियाणा में किन-किन केंद्रों में रहकर गए हैं. इस दौरान वे किन किन लोगों से मिले और इनमें से किन-किन लोगों ने लंगर सेवा की.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यूपी पहुंचने पर जांच के दौरान करीब 15 लोग कोरोना पॉजिटिव और 7-8 संदिग्ध पाए गए हैं. इससे यूपी के अधिकारियों में भी हड़कंप मचा है. उन्होंने मौखिक तौर पर हरियाणा के अधिकारियों को मामलों की सूचना दी जिससे सोमवार को दिनभर हड़कंप मचा रहा. हरियाणा के अधिकारियों को यह भी बताया गया कि 7-8 श्रमिक जहां संदिग्ध हैं, वहीं लगभग 125 प्रवासी श्रमिकों में करोना के लक्षण पाए गए हैं.
पॉजिटिव पाए गए मरीज रायबरेली, कन्नौज संभल ,फरुर्खाबाद, अमरोहा ,बहराइच, इटावा आदि जिलों के हैं. इनमें संभल का एक युवक एक यमुनानगर जिले के सढोरा क्षेत्र में निरंकारी भवन में बनाए गए केंद्र में रहा है. हरियाणा स्वास्थ विभाग के अधिकारियों की इतनी बड़ी लापरवाही को लेकर सभी अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं. कोई इस पर बोलने को तैयार नहीं है. करोना की जंग में जहां सफाई व स्वास्थ्य कर्मी और पुलिस प्रशासन जी जान से जुटे हुए हैं वहीं केंद्र व राज्य सरकारें भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही हैं. ऐसे में चंद लापरवाह अधिकारियों की हरकत से पूरे हरियाणा में हड़कंप मचना लाजिमी है.
यूपी के अधिकारी बोले, जांच के बाद साफ होगी स्थिति
इनखबर के सहयोगी अखबार आज समाज की टीम ने गोरखपुर, संभल आदि जिलों में जिला चिकित्सा अधिकारियों से भी इस बारे में बात की. हालांकि उनका कहना था कि अभी जांच की जा रही है और उसके बाद ही वह कुछ साफ बता सकेंगे. टीम ने हर जिले के व्यक्ति का फोन नंबर बताकर उस बारे में पूछा तो अधिकारी स्पष्ट उत्तर देने से बचते नजर आए. संदिग्ध करार दिए गए प्रवासी श्रमिकों से भी बात की गई, उन्होंने बताया के हरियाणा से उन्हें ठीक कहकर उत्तरप्रदेश भेजा गया था, लेकिन अब यूपी के अधिकारी उन्हें करोना से पीड़ित बता रहे है, उनकी रिपोर्ट को पोजिटिव बताया जा रहा है.
यूपी पहुंचे कुछ प्रवासी श्रमिकों में से कुछ के फोन बंद मिले ,कुछ के फोन उनके रिश्तेदारों ने उठाए और कुछ लोगों ने स्वयं फोन उठाए, जिससे पुष्टि हुई कि हरियाणा से उत्तर प्रदेश भेजे गए प्रवासी श्रमिक करोना पीड़ित ही नहीं बल्कि संदिग्ध भी हैं. यमुनानगर से संभल भेजे मरीज में कोरोना की पुष्टि फोन उठाने वाले उसके रिस्तेदार ने की. उक्त श्रमिकों में से एक बहराइच के जिला हॉस्पिटल, एक फ्यूचर कॉलेज फरीदपुर बरेली, चार श्रमिकों को मोती झील इटावा, दो को मिशन हॉस्पिटल फर्रूखाबाद आदि जिलों में रखा गया है.
सूचना फर्जी इसका कोई आधार नहीं : डॉक्टर वागीश
डीएसओ डॉक्टर वागीश गुटेन ने कहा कि यह सूचना फर्जी है और इसका कोई आधार नहीं है. प्रशासन इस बारे में पूरी एक्सरसाइज कर चूका है लेकिन कुछ भी इसमें सच नहीं है. उन्होंने कहा कि किसी ने झूठी रिपोर्ट बनाकर अधिकारियो को भेज दी जिससे सारा प्रशासन इसकी जांच में लगा रहा. उन्होंने कहा कि तमाम अधिकारियों के साथ जिला उपायुक्त मुकुल कुमार को भी इसकी जानकारी है.
जब डॉक्टर वागीश से यूपी पहुंचे कुछ श्रमिकों से हुई बातचीत वह उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बारे में कहा गया तो उन्होंने कहा, हम सहारनपुर के चिकित्सा अधिकारी से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन नहीं लगा. इससे पहले आईडीएचपी के डॉक्टर दिनेश ने मामले में जानकारी होने से इनकार किया. लैब या स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों गलती होने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, इस बारे में कुछ नहीं कह सकते. डॉक्टर निदेश ने कहा, हो सकता है कि उत्तर प्रदेश में ऐसे मरीजों की जांच रैबिट किट से की गई हो, जिसका नतीजा सही न हो. हरियाणा में रैपिड किट से टेस्ट बैन है. हमारे यहां केवल पीसीआर के माध्यम से ही जांच होती है जो खानपुर कलां या कल्पना चावला केंद्र करनाल से करवाई जा रही है.
हरियाणा में इन जगह रहे पॉजिटिव मरीज
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिन करीब 15 प्रवासी श्रमिकों में कोरोना की पुष्टि हुई है उनमें से एक मरीज करनाल के राधा स्वामी सत्संग भवन कंबोपुरा में रहा है. चार रोहतक जिले के सापला स्थित रैन बसेरा, एक करनाल जिले के राधा स्वामी सत्संग भवन सेक्टर 32 और 33, एक मरीज अंबाला जिले के राधा स्वामी सत्संग भवन मनमोहन नगर, एक अंबाला जिले के ही राधा स्वामी सत्संग भवन व्यास नारायणगढ़ में रहा है.
इसके अलावा कुरुक्षेत्र की जाट धर्मशाला के साथ-साथ देवी मंदिर शाहाबाद आदि स्थानों में उक्त मरीजों को रखा गया था. 10 संदिग्ध पाए गए मरीजों में एक झज्जर के छोटू राम धर्मशाला, एक फतेहाबाद के ग्राम सचिवालय धनगर, एक भिवानी के गवर्नमेंट मिडिल स्कूल निनान, और एक अंबाला के राधा स्वामी सत्संग भवन व्यास नारायणगढ़ में रहा है. बाकी अन्य जिलों में रहे हैं.