चंडीगढ़. पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के नवनियुक्त अध्यक्ष नवजोत सिद्धू द्वारा अपने ताजपोशी जश्नों के दौरान किसानों के हवाले से ‘प्यासे को कुएं के पास चल कर आने’ वाली टिप्पणी का नोटिस लेते हुए आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने कहा कि सिद्धू की शब्दावली से अहंकार की बदबू आती है।
‘आप’ के पंजाब किसान विंग के प्रधान और विधायक कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने कांग्रेस स्टेज से ऐलान किया था कि उन्होंने अपनी मैं (अहंकार) समाप्त कर ली है। ख़ैर अच्छा लगा सुन कर कि सिद्धू खुद स्वीकार कर रहे हैं कि उनके अंदर मैं यानि अहंकार है, परन्तु अफ़सोस यह है कि एक तरफ तो नवजोत सिद्धू ने अपनी मैं मारने का ऐलान किया, वहीं दूसरी ओर किसानों के हक में खड़े होने के लिए भी शर्त रखी दी कि प्यासा (किसानों) को कुएं (नवजोत सिद्धू) के पास आना पड़ेगा, क्योंकि कुआं प्यासे के पास नहीं जाता। संधवां के अनुसार सिद्धू की ऐसी ओछी शब्दावली देश के अन्नदाता को लाचार सिद्ध करने की कोशिश है जो बेहद निंदनीय हैं।
शनिवार को यहां पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में कुलतार सिंह संधवां ने नवजोत सिद्धू से मांग की है कि उनको किसानों के प्रति इस तरह के शब्दावली के लिए तुरंत माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि किसान देश के अन्नदाता हैं। जो बिना किसी कुर्सी के लालच देश वासियों के लिए अन्न, दालें, सब्जियां, तेल और फल आदि पैदा करते हैं।
कुलतार सिंह संधवां ने नवजोत सिद्धू को संबोधित होते कहा, ‘आपको पता होना चाहिए सिद्धू साहब कि अन्नदाता जहां पूरे मुल्क का पेट भरने के लिए अपने कुएं खुद खोद कर फसल भी पालता है और दूसरों की प्यास भी बुझाता है। यही कारण है कि आंदोलन पर डटे हुए किसान नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का पानी भी नहीं पीते, अन्न खाना तो दूर की बात है।’ उन्होंने नवजोत सिद्धू से अपील करते हुए कहा कि वह अपने शब्द वापस लें और अपने भीतर के अहंकार को खत्म कर अन्नदाता से माफी मांगें। कहीं ऐसा न हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी की तरह पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू के भी पंजाब-हरियाणा में पुतले जलाने शुरू हो जाएं।
उन्होंने सिद्धू को देश की आजादी के बाद का इतिहास पढऩे की नसीहत देते कहा कि जब देश में अनाज, दूध, सब्जियां और अन्य खाने पीने की वस्तुओं की कमी थी, तो देश के तत्कालीन प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू व लाल बहादुर शास्त्री पंजाब के किसानों के पास चल कर आए थे। जिससे देश में अनाज की कमी को पूरा किया जाए। इस संदर्भ में नवजोत सिद्धू की ऐसी चुनौती किसानों को चेतावनी की तरह है, जिस की आम आदमी पार्टी सख्त निंदा करती है।
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