नई दिल्ली : श्री कृष्ण जन्मभूमि- शाही ईदगाह मामले को हिंदू पक्ष ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें समझौता मंजूर नहीं है. ईदगाह केस (Shahi Idgah) में पक्षकार सोहन लाल आर्य ने मामले को लेकर टिप्पणी की है और कहा कि अब समझौते का सवाल नहीं उठता है. क्योंकि साल 1968 में हम धोखा […]
नई दिल्ली : श्री कृष्ण जन्मभूमि- शाही ईदगाह मामले को हिंदू पक्ष ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें समझौता मंजूर नहीं है. ईदगाह केस (Shahi Idgah) में पक्षकार सोहन लाल आर्य ने मामले को लेकर टिप्पणी की है और कहा कि अब समझौते का सवाल नहीं उठता है. क्योंकि साल 1968 में हम धोखा खा चुके हैं.
इसके अलावा सोहन लाल ने कहा कि हिंदू पक्ष को स्वामित्व के अलावा कुछ भी नामंजूर होगा। हमारी मांग है कि वाराणसी के ज्ञानवापी केस के समान ही यहां भी सर्वे कराया जाए. ताकि ईदगाह की सच्चाई सबके सामने आए.इसके अलावा सोहन लाल आर्य ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम पक्ष जानबूझकर मामले को लटकाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि शाही ईदगाह के अमीन निरीक्षण मामले को लेकर मुस्लिम पक्ष की तरफ से 2 प्रार्थना पत्र लगाए गए हैं.
मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता तनवीर अहमद ने कहा कि इस मामले में उनका पहला प्रार्थना पत्र रिकॉल का है. जबकि दूसरा प्रार्थना पत्र रिकॉल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई न होने पर अमीन निरीक्षण ना करवाने के लिए दिया गया है. मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता नीरज शर्मा ने बताया है कि दोनों ही मामलों को लेकर कोर्ट 20 जनवरी को सुनवाई करेगा. तब तक के लिए अमीन निरीक्षण के लिए नहीं जाएंगे.
गौरतलब है कि ये पूरा विवाद 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक के लिए शुरू हुआ है. हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद जिस जगह बनी है, वो भगवान श्रीकृष्ण का जन्मस्थान है. दूसरी ओर सिविल जज सीनियर डिविजन (III) सोनिका वर्मा द्वारा शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया गया है. यह सर्वे आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम द्वारा किया जाएगा. SI को 20 जनवरी तक रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. ये आदेश शाही ईदगाह मस्जिद को दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग वाली याचिका पर दिया गया है.
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