चंडीगढ़: अक्तूबर 2015 के कोटकपूरा पुलिस गोलीकांड मामले में हरियाणा एवं पंजाब हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर बादल, पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी और सस्पेंडेड आईजी परमराज सिंह उमरानंगल समेत छह आरोपियों को आज अग्रिम जमानत दे दी है. वहीं हाईकोर्ट ने जांच करने का हवाला देते हुए सभी याचिकाकर्ताओं को यह लाभ दिया है. अपने […]
चंडीगढ़: अक्तूबर 2015 के कोटकपूरा पुलिस गोलीकांड मामले में हरियाणा एवं पंजाब हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर बादल, पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी और सस्पेंडेड आईजी परमराज सिंह उमरानंगल समेत छह आरोपियों को आज अग्रिम जमानत दे दी है. वहीं हाईकोर्ट ने जांच करने का हवाला देते हुए सभी याचिकाकर्ताओं को यह लाभ दिया है. अपने आदेश में हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्त्ता जांच करने में सहयोग करेंगे, साथ ही किसी भी गवाह को प्रभावित करने का प्रयास नहीं करेंगे।
बता दें कि कोटकपूरा में 14 अक्तूबर 2015 को गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के खिलाफ धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस क्रैकडाउन हुआ था जिसमें 50 से अधिक प्रदर्शनकारी और पुलिस कर्मी घायल हो गए थे. इस मामले में एसआईटी ने 8 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. आरोपियों में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी शामिल थे जिनका देहांत 25 अप्रैल 2023 को हो गया।
कोटकपूरा गोलीकांड पंजाब के हर चुनाव में एक भावनात्मक मुद्दा रहा है. आपको बता दें कि कोटकपूरा गोलीकांड में पुलिस पर ज्यादती के आरोप लगे थे. पुलिस पर यह आरोप लगे थे कि धरने पर बैठी सिख संगत के खिलाफ जानलेवा हमले का मामला पुलिस ने दर्ज किया था और कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सबूत जुटाए गए थे. इस मामले को लेकर यह भी कहा गया कि सोची समझी पुलिस की साजिश थी जिसमें जांच दल ने किसी भी प्रदर्शनकारी के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश नहीं किया बल्कि झूठे मामले के कथित साजिशकर्ताओं को आरोपी बनाकर उनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया. बता दें कि कोटकपूरा गोलीकांड में दो लोगों की मौत हो गई थी।
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