कोलकाता, कोलकाता एयरपोर्ट पर कुछ ऐसा हुआ है कि लगभग घंटेभर तक यात्रियों की साँसे अटकी रहीं. क्रॉसविंड की वजह से डेढ़ घंटे तक विमान हवा में अटका रहा. 11 कैप्टन ने विमानों को रनवे पर उतारने की कोशिश की, लेकिन फिर हवा के तेज बहाव को देखते हुए इंतजार करने का ही फैसला करना पड़ा क्योंकि इस स्थिति में विमान के रनवे से अलग हो जाने का खतरा था.
विमान के उड़ने की दिशा की तरफ चलने वाली तेज हवाओं को क्रॉसविंड कहा जाता है, ये हवाएं विमान को लैंडिंग के समय रनवे से भटका सकती हैं, ऐसे में हादसे का खतरा बना रहता है. बीते दिन क्रॉसविंड के दौरान 11 विमानों ने 16 बार रनवे पर उतरने कोशिश की, लेकिन ऐसे मौसम को देखते हुए लगभग दो दर्जन विमान हवा में ही मंडराते रहे. फिर वहीं 9 को दूसरे एयरपोर्ट के लिए डाइवर्ट कर दिया गया.
रिपोर्ट्स के मुताबिक पायलट्स ने बताया कि मौसम विभाग ने तेज हवाओं का अलर्ट जारी किया था लेकिन यह किसी को नहीं पता था कि इस तरह क्रॉसविंड का सामना करना पड़ जाएगा, वहीं, बाईं तरफ से आने वाली हवाएं विमानों को रनवे के ऐंगल से 20 डिग्री तक भटकाने की ताकत रखती थी, ऐसे में लैंडिंग बहुत ही ज्यादा खतरनाक थीा और इसी वजह से ईंधन को देखते हुए हवा में ही रुकने का फैसला किया गया.
बता दें कि क्रॉसविंड कोई असामान्य घटना नहीं है, और मार्च से मई तक ये आम तौर पर देखने को मिलता है लेकिन 10 मिनट से लेकर इसका असर ज्यादा देर तक नहीं रहता है, सामान्य तौर पर इसका असर आधे घंटे तक ही रहता है.
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