लखनऊ। 15 अप्रैल की रात हुए डबल माफिया मर्डर केस का आज क्राइम सीन रीक्रिएट किया गया है। आइए आपको बताते हें कि किसी भी मर्डर केस के बाद पुलिस टीम द्वारा इसका सीन रीक्रिएट क्यों किया जाता है, इससे जांच करने वाली पुलिस टीम को क्या मदद मिलती है। सबूतों को जुटाने में मिलती […]
लखनऊ। 15 अप्रैल की रात हुए डबल माफिया मर्डर केस का आज क्राइम सीन रीक्रिएट किया गया है। आइए आपको बताते हें कि किसी भी मर्डर केस के बाद पुलिस टीम द्वारा इसका सीन रीक्रिएट क्यों किया जाता है, इससे जांच करने वाली पुलिस टीम को क्या मदद मिलती है।
बता दें कि किसी भी मर्डर केस की जांच में जुटी पुलिस टीम द्वारा सबूतों को इकट्ठा करने के लिए क्राइम सीन रीक्रिएट किया जाता है। इससे पुलिस टीम को ये जानने में मदद मिलती है, मर्डर कहां, कैसे और कब हुआ। इस दौरान एफएसएल की टीम की तरफ से घटनास्थल से वैज्ञानिक साक्ष्यों को जुटाया जाता है। इस साक्ष्य का उपयोग अदालत में दोषियों के खिलाफ किया जाता है।
गौरतलब है कि क्राइम सीन रीक्रिएट के लिए पुलिस टीम पीड़ित या उसके परिवार और गवाहों की मदद लेती है। वहीं आरोपियों से पूछताछ से भी क्राइम सीन रीक्रिएट में मदद मिलती है।
बता दें कि न्यायिक आयोग के अधिकारियों द्वारा माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या का सीन रिक्रिएट किया गया। ये सीन हूबहू 15 अप्रैल के दिन माफिया हत्याकांड की तरह की रिक्रिएट किया गया है। सीन रिएक्ट का प्रोसेस प्रयागराज के केल्विन अस्पताल परिसर में किया गया है।
माफिया हत्याकांड के पांच दिन बाद भी प्रयागराज पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है। डबल माफिया हत्याकांड के बाद पीड़ित उमेश पाल परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी है। पुलिट टीम उमेश पाल के परिवारिक सदस्यों और बच्चों से मिलने वाले लोगों की सघन तलाशी ले रही है।