नई दिल्ली। पृथ्वी पर सबका प्रभाव पड़ता है फिर चाहे वो चांद हो या सूरज सब की प्रतिक्रिया का असर पृथ्वी पर पड़ता है और बात जब ग्रहण की हो तो ये व्यक्ति वस्तु सब पर प्रभाव डालता है। मगर क्या आप जानते हैं इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आप पर क्या प्रभाव डालेगा. […]
नई दिल्ली। पृथ्वी पर सबका प्रभाव पड़ता है फिर चाहे वो चांद हो या सूरज सब की प्रतिक्रिया का असर पृथ्वी पर पड़ता है और बात जब ग्रहण की हो तो ये व्यक्ति वस्तु सब पर प्रभाव डालता है। मगर क्या आप जानते हैं इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आप पर क्या प्रभाव डालेगा. तो चलिए जानते हैं आखिर सूर्य ग्रहण कब हैं?
इससे पहले सूर्य ग्रहण लग चुका है। ये इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण है जो 14 अक्टूबर 2023 को रात 11 बजकर 29 मिनट से प्रारंभ हो कर 14 अक्टूबर को रात 11 बजकर 34 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। इस दौरान भारत में ये सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।
शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य पूजा, खरीददारी नहीं करनी चाहिए. ग्रहण में सूर्य को अर्घ्य देने कि मनाही होती है. साथ ही तुलसी और किसी भी पूजनीय पेड़-पौधों में जल अर्पित नहीं करना चाहिए. इस दौरान सोने से दोष लगता है. पूजा भी नहीं करनी चाहिए और न ही भगवान को छुना चाहिए । तथा उनके कपाट बंद कर देने चाहिए. इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को ग्रहण में बाहर नहीं निकलना चाहिए . ग्रहण के प्रभाव से गर्भ में पल रहे बच्चे पर तथा मां के ऊपर प्रभाव पड़ सकता है.
विज्ञान के अनुसार, सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है उसकी वज़ह से पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश वाला भाग दिखाई नहीं देता. इसके कारण से पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश नहीं पड़ता तभी चंद्रमा की परछाई दिखने लगती है इसी स्थिति में सूर्य में ग्रहण लगता है.
शास्त्रो में भी इसकी एक कहानी बतातें है अमृत पीनें के लिए स्वरभानु नामक असुर ने अपना रूप बदलकर सूर्यदेव और चंद्रदेव के पास बैठ गया ,लेकिन दोनों ने असुर को पहचान लिया और सारा हाल भगवान विष्णु को बता दिया जिससे भगवान क्रोध में आ कर सुर्दशन चक्र से स्वरभानु के सिर को धड़ से अलग कर दिया. मगर जब तक अमृत की दो बूंदे स्वरभानू के गले से नीचे उतर चुकी थी।
जिससे स्वरभानू का शरीर दो हिस्सों में अमर हो गया. जिससे राहु और केतु का जन्म हुआ. सूर्य-चंद्रमा से बदला लेने के लिए समय-समय पर ग्रसित करते है तभी ग्रहण लगता है।