बेंगलुरु। चुनावी राज्य 224 विधानसभा सीटों वाली कर्नाटक में 10 मई को मतदान होना है, वहीं इसके नतीजे 13 मई को आएंगे। यहां के 19 तटीय सीटों वाले क्षेत्र पर भारतीय जनता पार्टी का दबदबा माना जाता है। आइए बताते हैं कि यहां पर किन मुद्दों पर पार्टियां चुनाव लड़ेंगी। बीजेपी का गढ़ है तटीय […]
बेंगलुरु। चुनावी राज्य 224 विधानसभा सीटों वाली कर्नाटक में 10 मई को मतदान होना है, वहीं इसके नतीजे 13 मई को आएंगे। यहां के 19 तटीय सीटों वाले क्षेत्र पर भारतीय जनता पार्टी का दबदबा माना जाता है। आइए बताते हैं कि यहां पर किन मुद्दों पर पार्टियां चुनाव लड़ेंगी।
बता दें कि कर्नाटक का तटीय इलाका बीजेपी का गढ़ माना जाता है। दरअसल इस इलाके में बीजेपी की पकड़ काफी मजबूत रही है। कई प्रयासो के बावजूद कांग्रेस यहं पर सेंध नहीं लगा पाई है। लेकिन अगर 2013 की विधानसभा चुनाव की बात करें तो इसमें येदियुरप्पा के अलग होने पर कांग्रेस पार्टी ने बहुत अच्छा प्रदर्शन की थी। इस चुनाव में कांग्रेस ने 14, बीजेपी ने 4 और एक सीट अन्य के खाते में गई थी।
इसके बाद येदियुरप्पा के घर वापसी के बाद चुनाव में बीजेपी को फायदा मिला। बता दें कि कर्नाटक का कोस्टल इलाका बीजेपी का गढ़ माना जाता है। दरअसल यहां पर हिंदुत्व की पिच पर चुनाव होता आया है, यही कारण है कि बीजेपी योगी आदित्यनाथ को यहां पर चुनाव प्रचार-प्रसार करने के लिए लाती रही है। सियासी एक्सपर्ट्स का कहना है कि यहां पर 2023 विधानसभा चुनाव बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही हिंदुत्व की एजेंडे पर खेलने वाली हैं।
इससे पहले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों के नाम फाइनल करने के लिए रविवार को दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई। इस मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के साथ ही बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति के सभी सदस्य शामिल हुए। बताया जा रहा है कि ये बैठक आज भी जारी रह सकती है।