जयपुर: विधानसभा सदन में शुक्रवार(10 फरवरी) को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने तीसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया. उन्होंने अपने बजट भाषण में इस दौरान कई अहम घोषणाएं भी की हैं. बता दें, बजट भाषण की शुरुआत में 6 मिनट तक गहलोत द्वारा पिछले साल का बजट पढ़ देने से सदन में […]
जयपुर: विधानसभा सदन में शुक्रवार(10 फरवरी) को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने तीसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया. उन्होंने अपने बजट भाषण में इस दौरान कई अहम घोषणाएं भी की हैं. बता दें, बजट भाषण की शुरुआत में 6 मिनट तक गहलोत द्वारा पिछले साल का बजट पढ़ देने से सदन में हंगामा मच गया था. इसलिए आधे घंटे के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.
-बड़ी घोषणा करते हुए सीएम गहलोत ने बताया कि राजस्थान में किसानों के लिए 2000 युनिट की बिजली मुफ्त दी जाएगी.
-उज्जवला स्कीम का लाभ उठाने वालों को राजस्थान में रिफलिंग पर केवल 500 रुपये का घरेलू सिलेंडर दिया जाएगा.
-100 यूनिट तक घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली फ्री दी जाएगी.
– जिन बच्चों के माँ बाप कोरोना काल में मर गए हैं उन्हें 18 की उम्र में प्रवेश करने पर प्रदेश सरकार नौकरी देगी.
-दुर्घटना बीमा को 10 लाख रुपए कर दिया गया है. यह पहले 5 लाख ही था.
-20 करोड़ रुपये की लागत खर्च कर प्रदेश के 15 स्थानों पर नशा मुक्ति केन्द्र बनाए जाएंगे.
– राजस्थान में मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे.ये कॉलेज -प्रतापगढ, राजसमन्द और जालोर में खोलने की योजना है.
-स्पेशल टास्क फोर्स गठित किया जाएगा जो पेपर लीक को लेकर निगरानी करे.
-महिलाओं के लिए रोडवेज बसों में किराए पर छूट दी जाएगी. दरअसल इस छूट को अब 30 फीसदी से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है.
– अन्नपूर्णा फ़ूड पैकेट खाद्य सुरक्षा के तहत पात्र परिवारों को मुफ्त में मिलेंगे. इसमें दाल, चीनी सहित राशन आदि सामान शामिल है.
-उन चरवाहों को 50,000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा, जिन्होंने स्किम डिजीज के प्रकोप के कारण अपने मवेशियों को खो दिया.
राजस्थान का सियासी इतिहास कहता है यहां हर पांच साल में इस राज्य में सरकार बदल जाती है. हालांकि, कांग्रेस का दावा है कि उसकी सरकार पर जनता फिर से भरोसा जताएगी. हालांकि चंद महीने पहले राजस्थान कांग्रेस के भीतर भी सियासी बयानबाजी देखने को मिली. अशोक गहलोत और सचिन पायलट के खेमों में तकरार भी राजस्थान में सत्ता के लिए कांग्रेस का वोट छीन सकती है. ऐसे में राजस्थान कांग्रेस सरकार के मुखिया अशोक गहलोत ऐसा बजट ला सकते हैं जिससे वह जनता को अपनी तरफ खींच सके. ऐसे में उन्हें पार्टी के अंदर की गुटबाजी का नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा.
गौरतलब है कि इस बार यह गहलोत सरकार के मौजूदा कार्यकाल का पांचवां और अंतिम बजट है. ख़ास बात ये भी है कि राज्य में इसी साल विधानसभा चुनाव हैं. इस कड़ी में सरकार ने अपने बजट में तमाम जरूरी वर्गों को साधने का प्रयास किया है.
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