Kisan Kranti Yatra: उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के 70 हजार किसान हरिद्वार से भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसान क्रांति पदयात्रा कर रहे हैं. वे राजघाट की तरफ मार्च कर रहे थे, लेकिन उन्हें दिल्ली-यूपी गाजीपुर बॉर्डर पर रोक लिया गया. किसानों ने पुलिस बैरिकेड हटाने की कोशिश की, जिसके बाद प्रदर्शन हिंसक हो गया और पुलिस को लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा.
लखनऊ: कर्ज माफी सहित विभिन्न मांगों को लेकर पदयात्रा कर रहे किसानों की दिल्ली-यूपी गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस से झड़प हो गई, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए दिल्ली पुलिस को आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार करनी पड़ी. इस घटना में भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा प्रमुख बेहोश हो गए. किसान आंदोलन पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसानों का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, सरकार ने किसानों से किया हुआ वादा पूरा नहीं किया है तो जाहिर सी बात है कि किसान आंदोलन करेंगे. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. हम किसानों के साथ हैं.
अखिलेश यादव के अलावा कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और सीपीआई (एम) ने भी किसानों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने की निंदा की. कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, महात्मा गांधी के जन्मदिवस पर नरेंद्र मोदी सरकार ने दिखाया कि वह अंग्रेजों से कम नहीं है. ब्रिटिश सरकार में भी किसानों का उत्पीड़न होता था और आज मोदी सरकार ने भी किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े. वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसानों को दिल्ली में घुसने देना चाहिए. क्यों उन्हें दिल्ली में एंट्री देने से रोका जा रहा है. यह गलत है. हम किसानों के साथ हैं.
वहीं लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी ने कहा, यह घटना दर्शाती है कि मोदी सरकार किसान विरोधी है. उन्हें राहत देने के बजाय वह किसानों को आत्महत्या और स्यूसाइड करने पर मजबूर कर रही है. हमने आजादी के बाद एेसा बर्ताव आज तक नहीं देखा. किसान सस्ती बिजली, बकाया राशि चुकाने समेत अन्य मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसके बाद दिल्ली-यूपी की सीमा पर भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया और राष्ट्रीय राजधानी में कुछ इलाकों में धारा 144 भी लागू कर दी गई थी.