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किरेन रिजिजू की मणिपुर वासियों से अपील, हथियार छोड़ शांति अपनाओ

इम्फाल: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को मणिपुर के हिंसाग्रस्त हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए वहां के लोगों से शांति और स्थायी समाधान के लिए हथियार छोड़ने की अपील की है। बता दें, उन्होंने यह बात नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स फेस्टिवल में कही, जिसका आयोजन माई होम इंडिया द्वारा किया गया था। इस मौके […]

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किरेन रिजिजू की मणिपुर वासियों से अपील, हथियार छोड़ शांति अपनाओ
  • September 21, 2024 5:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

इम्फाल: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को मणिपुर के हिंसाग्रस्त हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए वहां के लोगों से शांति और स्थायी समाधान के लिए हथियार छोड़ने की अपील की है। बता दें, उन्होंने यह बात नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स फेस्टिवल में कही, जिसका आयोजन माई होम इंडिया द्वारा किया गया था। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर राज्यों में अभूतपूर्व विकास हो रहा है और वहां के लोगों को नई संभावनाएं मिल रही हैं।

बातचीत से ही निकलेगा हल

रिजिजू ने मणिपुर के कुकी और मैतेई समुदायों के बीच शांति की अपील करते हुए कहा, “मैं अपने कुकी और मैतेई भाइयों-बहनों से अनुरोध करता हूं कि भारत सरकार हर संभव प्रयास के लिए तैयार है. वहीं आगे उन्होंने कहा कि इसके लिए सबसे पहले आपको हथियार छोड़ने होंगे। अगर आप हथियार उठाते रहेंगे, तो कोई समाधान नहीं निकल सकता। सिर्फ बातचीत से ही कोई रास्ता निकलेगा। चाहे हालात कैसे भी हों, आपस में लड़ाई नहीं होनी चाहिए। जब तक आप एक-दूसरे से संवाद नहीं करेंगे, शांति की स्थापना संभव नहीं हो सकेगी।”

Manipur: Kiren Rijiju

राज्य में शांति लौटे का एक ही उपाय

इसके साथ ही रिजिजू ने बीते 10 वर्षों में पूर्वोत्तर राज्यों में हुए विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “यह हम सभी के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस समय मणिपुर के लोगों को हथियार छोड़कर स्थायी शांति के लिए बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए। यह एकमात्र उपाय है जिससे राज्य में शांति लौट सकती है।”

क्या है हिंसा का कारण?

मणिपुर में पिछले साल से जारी जातीय हिंसा पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि मई 2023 से राज्य में हिंसा की शुरुआत हुई थी. इस दौरान मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किया गया था। इसके बाद से राज्य में हिंसा भड़क उठी, जिसमें अब तक 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। वहीं मरने वालों में कुकी और मैतेई समुदाय के लोग शामिल हैं, साथ ही सुरक्षाबल के जवानों ने भी अपनी जान गंवाई है। हिंसा के कारण हजारों लोग बेघर हो गए हैं और राज्य में अस्थिरता का माहौल बना हुआ है।

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