लखनऊ। लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में शुरू हुआ सियासी तूफ़ान नहीं थम रहा है। बीजेपी में मची सियासी खींचतान के बीच डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के घर पर ओबीसी नेताओं का बार-बार आना-जाना लगा हुआ है। इसके बाद से कयास लगने शुरू हो गये हैं कि क्या मौर्य ओबीसी नेताओं को साधकर योगी के खिलाफ कुछ बड़ा करने वाले हैं?
भाजपा के सहयोगी दलों के बड़े नेता इन दिनों केशव प्रसाद के घर पर हाजिरी लगाते हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि वो इस मुलाकात को सिर्फ शिष्टाचार भेंट बता रहे हैं लेकिन सियासी जानकारों का कहना है कि केशव ओबीसी नेताओं को एकजुट कर रहे हैं। दरअसल पिछले दो दिनों में ओबीसी पर पकड़ रखने वाले दो बड़े नेता केशव प्रसाद से मिलने पहुंचे। सोमवार को ओपी राजभर केशव से मिलने उनके घर पहुंचे थे। अगले दिन निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद भी मिलने पहुंच गए।
दोनों नेताओं के मिलने से इस बात की चर्चा तेज हो गई कि केशव कुछ पका रहे हैं। डिप्टी सीएम ने दोनों नेताओं के साथ मुलाकात की तस्वीरें पोस्ट की है। हालांकि उन्होंने इसे महज शिष्टाचार मुलाकात बताया। पोस्ट में दोनों नेता मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं। दोनों के पोस्ट को देखकर इस बात को चर्चा है कि क्या वाकई में यह औपचारिक मुलाकातें हैं या फिर योगी का पत्ता काटने में मौर्य अब तक लगे हुए हैं। केशव प्रसाद अपनी लॉबी मजबूत करने में तो नहीं जुटे हैं। क्योंकि पिछले दिनों केशव प्रसाद ने सीएम योगी पर आरक्षण का वार किया था। केशव मौर्य ने सीएम आदित्यनाथ के अंदर आने वाले विभाग को खत लिखकर संविदा पर काम करने वाले अधिकारियों की जानकारी मांगी थी।
मालूम हो कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी के ख़राब प्रदर्शन को लेकर योगी घेरे में हैं। 2019 चुनाव में जहां भाजपा ने 62 सीटें जीती थी तो वहीं 2024 में महज 33 सीटों पर सिमट गई। समाजवादी पार्टी ने अकेले ही 37 सीटों पर कब्ज़ा किया। नतीजों के बाद से सीएम योगी निशाने पर हैं। उत्तर प्रदेश बीजेपी का एक धड़ा उन्हें ख़राब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है।
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