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कर्नाटक: हिजाब पहनकर परीक्षा केंद्र पहुंची दो छात्राओं को नहीं मिली एंट्री, किया कोर्ट का रूख

कर्नाटक। कर्नाटक में हिजाब मामले को लेकर हुए विवाद और कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार को दूसरे वर्ष की प्री-यूनिवर्सिटी परीक्षा शुरू हो गई. उडुपी की दो छात्राएं आलिया और रेशम को बुर्का पहनकर परीक्षा केंद्र से वापस लोटना पड़ा. इसके बाद उन्होंने दोबारा कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. बता दें कि इससे पहले वह परीक्षा देने के लिए हिजाब पहनकर परीक्षा केंद्र पहुंची थीं, जहां उन्हें कोर्ट का आदेश दिखाया गया. इसके बाद इन दोनों छात्राओं को वापस कर दिया गया.

बता दें कि परीक्षा हॉल में कोई भी ऐसा परिधान पहनकर प्रवेश नहीं है जो किसी भी धर्म से जुड़ा हो. राज्य भर के 1,076 केंद्रों में 6.84 लाख से अधिक छात्र भाग ले रहे हैं.

हिजाब पहन प्रवेश पर है पाबंदी

18 मई तक चलने वाली इस परीक्षा में हिजाब या धर्म की पहचान से जुड़े ऐसे किसी भी परिधान पर पाबंदी है. मुस्लिम लड़कियों के लिए परीक्षा हॉल के बाहर स्कार्फ उतारने की व्यवस्था की गई है. वहीं परीक्षा के लिए वहां मौजूद छात्राओं ने कहा कि वे परीक्षा हॉल के अंदर हिजाब उतारेंगी और परीक्षा खत्म होने के बाद पहनेंगी. एक छात्र ने कहा ‘हिजाब जरूरी है और परीक्षा पास करना भी उतना ही जरूरी है. हमारा भविष्य परीक्षा के परिणामों पर निर्भर करता है.

शिक्षा मंत्री पहले ही सख्त निर्देश दे चुके हैं

हिजाब को लेकर कर्नाटक के शिक्षा मंत्री पहले ही सख्त निर्देश दे चुके हैं. शिक्षा मंत्री ने कहा कि हिजाब पहनने वालों को परीक्षा में बैठने से रोक दिया जाएगा. शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि प्री-यूनिवर्सिटी परीक्षा में छात्राओं को हिजाब पहनने की अनुमति नहीं होगी. सभी छात्रों को वर्दी के सभी नियमों का पालन करना होगा, अन्यथा उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा था कि राज्य में 22 अप्रैल से 18 मई के बीच होने वाली प्री-यूनिवर्सिटी परीक्षा के लिए 6,84,255 छात्रों ने पंजीकरण कराया था. इन परीक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए हैं.

कोर्ट ने सुना चुका है फैसला

हाल ही में मुख्य न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता में कर्नाटक उच्च न्यायालय की एक विशेष खंडपीठ ने कक्षा में हिजाब की मांग करने वाली छात्राओं की याचिका को खारिज कर दिया था. पीठ ने यह भी कहा कि हिजाब इस्लाम का एक आवश्यक नियम नहीं है. गौरतलब है कि यह याचिका उडुपी के छह छात्रों ने दायर की थी और अपने ही डेब्यू पर ही हिजाब के मुद्दे ने कर्नाटक समेत पूरे देश में जोर पकड़ लिया था.

 

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Pravesh Chouhan

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