कर्नाटक, पूरे देश में कोरोना का कहर थमता हुआ सा दिखाई दे रहा है. ऐसे में तमाम राज्य तमाम कोरोना एहतियातों के साथ स्कूल खोल रहे हैं. इसी क्रम में अब कर्नाटक सरकार ने भी स्कूलों ( Schools reopening ) को एक बार फिरसे खोलने का फैसला लिया है. देश में खोले जा रहे हैं […]
कर्नाटक, पूरे देश में कोरोना का कहर थमता हुआ सा दिखाई दे रहा है. ऐसे में तमाम राज्य तमाम कोरोना एहतियातों के साथ स्कूल खोल रहे हैं. इसी क्रम में अब कर्नाटक सरकार ने भी स्कूलों ( Schools reopening ) को एक बार फिरसे खोलने का फैसला लिया है.
देश के कई राज्यों में कोरोना के कोहराम को थमता देख धीरे-धीरे स्कूलों को भी खोला जा रहा है. कर्नाटक में पहली से पांचवीं कक्षाओं तक के विद्यार्थियों के लिए 25 अक्टूबर से स्कूल खुलेंगे. लेकिन इस दौरान संक्रमण से संबंधित सभी एहतियात बरतने होंगे और प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना होगा.
बता दें कि कोविड-19 के मामले में गिरावट के बाद सरकार ने छठी से आठवीं कक्षाओं के छात्रों के लिए छह सितंबर को तथा नौंवी से 12 वीं कक्षाओं तक के छात्रों के लिए 23 अगस्त को स्कूलों को खोल दिया था.
स्कूल खोले जाने को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को कहा था कि राज्य में पहली से पांचवीं कक्षाओं तक के विद्यार्थियों के लिए विद्यालय खुलेंगे. उन्होंने कहा विशेषज्ञ समिति पहले ही रिपोर्ट दे चुकी है, हम आदेश जारी करेंगे. इस बारे में, कि कक्षाएं कब से शुरू होंगी तथा अन्य ब्योरों को लेकर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग के साथ बैठक करेंगे.
स्कूलों के खोले जाने के निर्णय को लेकर मुख्य सचिव पी. रवि कुमार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, पहली से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए स्कूल 25 अक्टूबर, 2021 से दोबारा खुलेंगे. इस दौरान कोविड-19 के तमाम प्रोटोकॉल और प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया का कड़ाई से पालन किया जाएगा.
इसके अलावा छात्रों के स्कूल आने के लिए उनके अभिभावकों की लिखित सहमति अनिवार्य होगी. इसके अलावा कर्नाटक सरकार ने कुछ नियम बनाए हैं, जैसे विद्यालों में प्रवेश के समय कोविड-19 के लक्षणों की जांच, कक्षा में कुल क्षमता की 50 प्रतिशत उपस्थिति, हैंड सेनेटाइजर, कम से कम एक मीटर की दूरी, भीड़ जमा नहीं करना. विशेष रूप से स्कूल के प्रवेश और निकास द्वार पर सैनिटाइजर की व्यवस्था का होना, शौचालयों में विशेष रूप से स्वच्छता का ध्यान रखना इत्यादि.