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कर्नाटक CM सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ी, ED खटखटाएगी दरवाजा

बेंगलुरु:  कर्नाटक के बहुचर्चित मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) में घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ PMLA के तहत मामला दर्ज किया है। पिछले सप्ताह कर्नाटक लोकायुक्त ने कर्नाटक के सीएम और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। […]

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Karnataka CM Siddaramaiah
  • September 30, 2024 7:38 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

बेंगलुरु:  कर्नाटक के बहुचर्चित मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) में घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ PMLA के तहत मामला दर्ज किया है। पिछले सप्ताह कर्नाटक लोकायुक्त ने कर्नाटक के सीएम और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। विशेष अदालत ने भी मामला दर्ज करने का आदेश दिया था।

लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज

आरोप है कि 2011 में कर्नाटक के सीएम की पत्नी को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण ने कथित तौर पर सभी नियमों को ताक पर रखकर 14 आवासीय स्थल दिए थे। अब जल्द ही ED मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच कर सकती है।

सिद्धारमैया ने दी अपनी प्रतिक्रिया

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम सिद्धारमैया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, MUDA मामले में कानूनी लड़ई जाएगी। यह पहली बार है कि मेरे साथ जनता के समर्थन से डरे विपक्ष ने मेरे खिलाफ राजनीति से प्रेरित मामला दर्ज किया है। न्याय मेरे पक्ष में है, मैं इसका सामना करूंगा और जीतूंगा।

उन्होंने आगे लिखा, पिछले चुनाव में हमारी सरकार को जनता का आशीर्वाद मिला और उसी के अनुसार हम अच्छा शासन कर रहे हैं। इस पांच साल की अवधि में राज्य का विकास करने का जनादेश मिला है। राज्यपाल को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, अगर इसमें हस्तक्षेप होगा तो हमें अनिवार्य रूप से विरोध करना पड़ेगा।

 

जानें पूरा मामला ?

कर्नाटक के मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) में विकास योजनाओं के दौरान अपनी जमीन खोने वाले लोगों के लिए 2009 में एक योजना लागू की गई थी। इस योजना के तहत कहा गया था कि विकसित भूमि का 50 प्रतिशत हिस्सा उन लोगों को दिया जाएगा जिन्होंने अपनी जमीन खो दी है। इसी वजह से यह योजना बाद में 50:50 के नाम से मशहूर हो गई।

इस योजना को 2020 में भाजपा सरकार ने स्थगित कर दिया था। आरोप है कि इस MUDA के विकास कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी की 3 एकड़ और 16 गुंटा जमीन अधिग्रहित की गई थी, लेकिन इस जमीन को अधिग्रहित किए बिना ही देवनूर विकास योजना के तीसरे चरण का विकास किया गया।

 

 

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