मुंबई। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने एक फैसला सुनाया है जिसके चलते महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच का सीमा विवाद बढ़ सकता है। सोमवार यानी 3 अप्रैल 2023 को महाराष्ट्र सरकार ने एक आदेश पारित किया है जिसमे पड़ोसी राज्य कर्नाटक के 865 गांवो को अपनी स्वास्थ देखभाल योजना के फायदों का लाभ लेने […]
मुंबई। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने एक फैसला सुनाया है जिसके चलते महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच का सीमा विवाद बढ़ सकता है। सोमवार यानी 3 अप्रैल 2023 को महाराष्ट्र सरकार ने एक आदेश पारित किया है जिसमे पड़ोसी राज्य कर्नाटक के 865 गांवो को अपनी स्वास्थ देखभाल योजना के फायदों का लाभ लेने के लिए शामिल किया है।
महाराष्ट्र सरकार ने कर्नाटक के कुछ गांवो को अपनी योजना में शामिल करने का एक विवादित आदेश जारी कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना के तहत कर्नाटक के कारवार, बेलगावी, कलबुर्गी और बीदर में 12 तहसील के 865 गांवों को इस योजना में शामिल रहेंगे। बता दें कि प्राथमिकता समूह वाले परिवार (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 के तहत) अंत्योदय खाद्य योजना के लाभार्थी, और अन्नपूर्णा राशन कार्ड धारक महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य देखभाल लाभ उठा सकते हैं।
महाराष्ट्र सरकार के इस बड़े फैसले से कर्नाटक सरकार बिल्कुल भी खुश नहीं है, बुधवार (5 अप्रैल) को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई महाराष्ट्र सरकार को अपना आदेश वापस लेने को कहा है और बोला कि अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर सरकार जवाबी कार्यवाई के लिए तैयार रहे। CM बोम्मई ने ट्वीट करके महाराष्ट्र सरकार पर ये आरोप लगाया है कि वे इस योजना के जरिये कर्नाटक के गांवों के लोगों को बीमा मुहैया कराने के नाम घोषणापत्र ले रही है कि वे महाराष्ट्र के अंतर्गत आते हैं। विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने भी इस योजना की निंदा करते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने ये जो कदम उठाया है, वो बिल्कुल भी बर्दाश्त करने योग्य नहीं है।
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