Kanwar Yatra: कांवड़ यात्रा को राष्ट्रीय पर्व घोषित करने की मांग, पंचायती अखाड़े के संतों ने कहा- खत्म होंगे सभी विवाद

लखनऊ: प्रयागराज में पंचायती अखाड़े के संतों ने कावड़ यात्रा को राष्ट्रीय पर्व घोषित किए जाने की मांग की है. इन संतों का कहना है कि कावड़ यात्रा पूरे देश में निकाली जाती है.

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Kanwar Yatra: कांवड़ यात्रा को राष्ट्रीय पर्व घोषित करने की मांग, पंचायती अखाड़े के संतों ने कहा- खत्म होंगे सभी विवाद

Deonandan Mandal

  • July 29, 2024 5:48 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

लखनऊ: प्रयागराज में पंचायती अखाड़े के संतों ने कावड़ यात्रा को राष्ट्रीय पर्व घोषित किए जाने की मांग की है. इन संतों का कहना है कि कावड़ यात्रा पूरे देश में निकाली जाती है. यह यात्रा जिस भगवान शिव के नाम पर निकाली जाती है, वह किसी एक धर्म या संप्रदाय का नहीं बल्कि सभी का कल्याण करते हैं.

संतों के मुताबिक भगवान भोलेनाथ की महिमा इतनी अपार है कि अंतरिक्ष से लेकर चांद-सूरज तक उनके शरीर के एक रोएं के बराबर हैं. पंचायती अखाड़े के संतों का कहना है कि कावड़ यात्रा को राष्ट्रीय पर घोषित किए जाने के बाद इससे जुड़े कई विवाद भी खत्म हो जाएंगे. राष्ट्रीय पर्व घोषित होने के बाद सभी को इसका सम्मान करना पड़ेगा. पंचायती अखाड़े के महंत रघु मुनि जी महाराज का कहना है कि वह जल्द ही दूसरे अखाड़ों के संत महात्माओ से बातचीत कर इस मांग को तेजी से उठाएंगे.

मंदिर-मस्जिदों को ढकने का फैसला गलत

महंत रघु मुनि का कहना है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश से कावड़ यात्रा के दौरान तोड़फोड़ के जो मामले सामने आए हैं, उनमें असामाजिक तत्वों का हाथ हो सकता है. कुछ लोग जानबूझकर कावड़ यात्रा को बदनाम करने के लिए इस तरह के हरकत करते हैं क्योंकि कावड़ पकड़ने वाला कोई भी व्यक्ति कभी हिंसा नहीं कर सकता. इन संतों का कहना है कि कावड़ यात्रा के रास्तों में मस्जिदों को पर्दे से ढके जाने का फैसला सही नहीं है. हालांकि इनका कहना है कि जब ताजिए के जुलूस निकलते हैं तब कई जगह मंदिरों को ढक दिया जाता है. उनका कहना है कि ना तो मंदिरों को ढकने का फैसला सही है और ना ही मस्जिदों पर पर्दे डालने का.

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