जयपुर। राजस्थान हाई कोर्ट ने कन्हैया लाल की हत्या के आरोपी जावेद को पर्याप्त सबूत न मिलने पर जमानत दे दी है। जावेद पर उदयपुर में कन्हैया लाल तेली की हत्या में आतंकियों की मदद करने का आरोप है। जावेद ने अपनी जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में जावेद ने […]
जयपुर। राजस्थान हाई कोर्ट ने कन्हैया लाल की हत्या के आरोपी जावेद को पर्याप्त सबूत न मिलने पर जमानत दे दी है। जावेद पर उदयपुर में कन्हैया लाल तेली की हत्या में आतंकियों की मदद करने का आरोप है। जावेद ने अपनी जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में जावेद ने कहा था कि मामले में उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है।
जावेद ने कहा कि उसे बिना सबूत के एनआईए ने गिरफ्तार किया है। जावेद ने यह भी दावा किया कि कॉल डिटेल या सीसीटीवी फुटेज में उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है और वह लंबे समय से जेल में है। ऐसे में उसे जमानत दी जानी चाहिए। उसकी अपील का भी विरोध किया गया। कोर्ट में सरकारी वकील ने कहा कि वह हत्यारों के मुखबिर तंत्र में शामिल था और उसे जमानत नहीं मिलनी चाहिए। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकारी वकील की दलील को नहीं माना और जावेद को जमानत देने का आदेश दिया। इससे पहले इस मामले में एक अन्य आरोपी को जमानत मिल चुकी है। इस मामले में आरोपी फरहाद मोहम्मद को जमानत मिल गई है।
28 जून 2022 को उदयपुर में दर्जी की दुकान चलाने वाले कन्हैया लाल तेली की गौस मोहम्मद और रियाज ने हत्या कर दी थी। इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई थी। कन्हैया लाल तेली की हत्या के मुख्य आरोपियों के अलावा उनके मददगारों को भी गिरफ्तार किया गया था। एनआईए की चार्जशीट में बताया गया था कि 19 वर्षीय जावेद कन्हैया लाल की हत्या की साजिश में शामिल था। जावेद का काम कन्हैया लाल की गतिविधियों पर नजर रखना था। आरोप है कि दोनों हत्यारों ने जावेद की सूचना के आधार पर हत्या को अंजाम दिया।
कन्हैया लाल हत्याकांड का मुकदमा अभी भी चल रहा है। इस मामले में साजिशकर्ताओं और हत्यारों को सजा नहीं सुनाई गई है। इससे कन्हैया लाल का परिवार निराश है। कन्हैया लाल के बड़े बेटे यश साहू ने कसम खाई थी कि जब तक हत्यारों को फांसी नहीं हो जाती, तब तक वह अपने पिता के हत्यारों की अस्थियां विसर्जित नहीं करेंगे।