Kamalnath Bans Vande Matram: मध्य प्रदेश में हाल ही में सरकार बनाने वाले कमलनाथ ने नए साल पर एक बड़ा फैसला लिया. उन्होंने भाजपा सरकार का फैसला बदलते हुए सचिवालय में वंदे मातरम गाने पर रोक लगा दी है. उन्होंने कहा कि सचिवालय के कर्मचारी अपने काम और जनता कल्याण पर ध्यान दें. उन्होंने कहा जो वंदे मातरम नहीं गाते क्या वो राष्ट्रभक्त नहीं. इस पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी बयान दिया है.
भोपाल. कुछ हफ्तों पहले मध्य प्रदेश में बनी नई सरकार ने अपना काम शुरू कर दिया है. मुख्यमंत्री ने नए साल के पहले दिन काम पर आकर पिछली सरकार का एक आदेश बदल दिया है. उन्होंने राज्य सचिवालय में वंदे मातरल गाए जाने पर रोक लगा दी है. बता दें कि हर महीने की पहली कामकाजी तारीख को राज्य सचिवालय के बाहर वंदे मातरम गाया जाता है. हालांकि अब कमलनाथ ने इस फैसले को पलट दिया. उन्होंने कर्मचारियों को कहा कि जनता के कल्याण के कामों पर ध्यान दें. कमलनाथ के इस आदेश के बाद 1 जनवरी 2019 मंगलवार को सचिवालय के बाहर वंदे मातरम नहीं गाया गया.
अपने इस आदेश पर कमलनाथ ने सफाई देते हुए कहा कि इस आदेश को नए रूप में लागू किया जाएगा. उन्होंने इस पर सवाल किया कि क्या जो लोग वंदे मातरम नहीं गाते वो राष्ट्र भक्त नहीं होते? वहीं इस फैसले पर भाजपा की सरकार में रहे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहन ने इस बारे में ट्वीट करके अपना गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने ट्वीट करके कहा, ‘वंदे मातरम केवल हमारा राष्ट्रीय गीत ही नहीं परंतु राष्ट्र भक्ति का पर्याय है. वंदे मातरम ऐसा मंत्र है जिसका उद्घोष करते हुए भारत माता के हजारों सपूत हंसते-हंसते फांसी पर झूल गए थे. वंदे मातरम ऐसा मंत्र है जिसका उद्घोष करते हुए हजारों स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने सीने पर अंग्रेजों की गोलियां खायी थी. इसी मंत्र को जपते-जपते लाखों लोगों ने देश को आजाद करने में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया.’
उन्होंने इसके बद ट्वीट करके कहा कि वो खुद वहां जाकर वंदे मातरम गाएंगे. उन्होंने लिखा, ‘कांग्रेस शायद यह भूल गई है कि सरकारें आती है, जाती है लेकिन देश और देशभक्ति से ऊपर कुछ नहीं है. मैं मांग करता हूं कि वंदे मातरम का गान हमेशा की तरह हर कैबिनेट की मीटिंग से पहले और हर महीने की पहली तारीख को हमेशा की तरह वल्लभ भवन के प्रांगण में हो. अगर कांग्रेस को राष्ट्र गीत के शब्द नहीं आते हैं या फिर राष्ट्र गीत के गायन में शर्म आती है, तो मुझे बता दें! हर महीने की पहली तारीख को वल्लभ भवन के प्रांगण में जनता के साथ वंदे मातरम मैं गाऊंगा. जय हिंद!’ बता दें कि वंदे मातरम गाने की परंपरा भाजपा सरकार ने सालों पहले शुरू की थी. हर महीने की पहली तारीख को सचिवालय वल्लभ भवन में वंदे मातरम गाया जाता था. इसके लिए वहां सभी कर्मचारी और अधिकारी मौजूद रहते थे. लेकिन अब से ऐसा नहीं होगा.