नई दिल्ली: त्रिपुरा इस वक्त हिंसा की आग में जल रहा है। राज्य के पश्चिमी क्षेत्र रानीरबाजार संप्रदायिक तनाव बढ़ने से दर्जनों गाडियां को जलाया गया और कई घरों में लूटपाट हुई। घटना 25 अगस्त की है जब काली माता के मंदिर में घुस कर कुछ लोगों ने मूर्ति का सिर काट दिया, जिसके बाद […]
नई दिल्ली: त्रिपुरा इस वक्त हिंसा की आग में जल रहा है। राज्य के पश्चिमी क्षेत्र रानीरबाजार संप्रदायिक तनाव बढ़ने से दर्जनों गाडियां को जलाया गया और कई घरों में लूटपाट हुई। घटना 25 अगस्त की है जब काली माता के मंदिर में घुस कर कुछ लोगों ने मूर्ति का सिर काट दिया, जिसके बाद इलाके में अशांति फैल गई।
आपको बता दें 30 साल पुराना यह मंदिर रानीरबाजार के लोगो की आस्था का केंद्र था। मंदिर में तोड़फोड़ से गुस्साए हिंदुओ ने विरोध प्रदर्शन किया और उपद्रवियों को खोजने की मांग की। प्रदर्शन बेकाबू होने पर हिंसा में बदल गया। मंदिर में मूर्ति खंडित होने से अक्रोषित लोगों ने घरों और वाहनों में तोड़फोड़ की।
हिंसक भीड़ ने कटराईबाड़ी, दुर्गा नगर और आस्था मंगल गांवों को निशाना बनाया। करीब 9 घरों में आग लगा दी गई। आधा दर्जन अन्य घरों में लूटपाट की गई। इस हिंसा में करीब 1 दर्जन दो और चार पहिया वाहन जला दिए गए। हिंसा में 5-6 लोग घायल भी हुए हैं जिनका इलाज चल रहा है।
स्थिति बिगड़ते देख वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सीआरपीएफ और त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) की टीमें भी तैनात कर दी गई हैं। दोनों पक्षों के बुजुर्गों ने स्थिति को सामान्य करने की पहल करने की कोशिश की। प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
इस मामले में तनाव कम करने के लिए सोमवार को दोनों पक्षों के बुजुर्गों की बैठक हुई। तमाम वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के मंत्री सुशांत चौधरी ने भी प्रभावित इलाकों का दौरा किया। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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