भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को केंद्रीय नेतृत्व ने एमपी विधानसभा चुनाव में इंदौर की विधानसभा सीट पर प्रत्याशी बनाकर उतारा था। कैलाश विजयवर्गीय समेत तमाम दिग्गज नेताओं को केंद्र से राज्य में भेजा गया और उनको उम्मीदवार बनाया गया ताकि वो मध्य प्रदेश की विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी […]
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को केंद्रीय नेतृत्व ने एमपी विधानसभा चुनाव में इंदौर की विधानसभा सीट पर प्रत्याशी बनाकर उतारा था। कैलाश विजयवर्गीय समेत तमाम दिग्गज नेताओं को केंद्र से राज्य में भेजा गया और उनको उम्मीदवार बनाया गया ताकि वो मध्य प्रदेश की विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बना सके। काफी हद तक नेता इसमें कामयाब हुए और प्रचंड बहुमत के साथ मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी इनमें एक नाम कैलाश विजयवर्गीय का भी था।
कैलाश विजयवर्गीय भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव हैं और पार्टी के दिग्गज नेता हैं। विजयवर्गीय विधानसभा सीट इंदौर एक से प्रत्याशी थे और उन्होंने पूरी दमदारी से इस बार चुनाव लड़ा तथा अपने सामने वाले प्रत्याशी कांग्रेस के संजय शुक्ला को लगभग 57000 वोटो से मात दी। कैलाश विजयवर्गीय न केवल अपनी सीट निकालने में सफल हुए बल्कि उन्होंने इंदौर की कुल नौ विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को विजयी बनाया। कैलाश विजयवर्गीय की दमदारी को देखते हुए उनको मध्य प्रदेश में कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी मिल गया और अब बहुत जल्दी ही उनको विभाग भी मिल जाएगा। वहीं अब कैलाश विजयवर्गीय राष्ट्रीय महासचिव का पद भी छोड़ने जा रहे हैं।
दरअसल कैलाश विजयवर्गीय भाजपा में राष्ट्रीय महासचिव हैं और देश के तमाम राज्यों में उन्होंने दौरे करके बीजेपी को मजबूत करने का काम किया है। इसके अलावा वो मध्य प्रदेश में कैबिनेट मंत्री भी हैं। डॉ मोहन यादव सरकार में उनको कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया है और इस मामले में उन्होंने खुशी जताई है। लेकिन बता दें कि अब कैलाश विजयवर्गीय राष्ट्रीय महामंत्री पद छोड़ने वाले हैं और उन्होंने इस्तीफा भी लिखकर रख लिया है। उनको केवल राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के इशारे का इंतजार है ताकि जेपी नड्डा की अनुमति के बाद वो पार्टी को राष्ट्रीय महामंत्री के पद से इस्तीफा दे सकें।