प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी और माफिया डॉन अतीक अहमद को सश्रम उम्रकैद की सजा सुना दी गई है. ये पूरा मामला आज से 17 साल पुराना है जहां साल 2006 में राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल के अपहरण से ये पूरा मामला जुड़ा है. बीते दिन (28 मार्च) को प्रयागराज […]
प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी और माफिया डॉन अतीक अहमद को सश्रम उम्रकैद की सजा सुना दी गई है. ये पूरा मामला आज से 17 साल पुराना है जहां साल 2006 में राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल के अपहरण से ये पूरा मामला जुड़ा है. बीते दिन (28 मार्च) को प्रयागराज की MP-MLA कोर्ट के जज दिनेश चंद्र शुक् ल ने अतीक और उसके दो अन्य सहयोगियों को सजा सुनाई थी. अब जज चंद्र शुक्ल को लेकर बड़ी खबर ये आ रही है कि उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
सश्रम उम्रकैद की सजा सुनाने वाले जज की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है जहां अब जज डॉ दिनेश चंद्र शुक्ल को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी. अतीक अहमद के खिलाफ फैसला आने के बाद उनकी सुरक्षा में ये बड़ा बदलाव किया गया है. गौरतलब है कि कल यानी मंगलवार (28 मार्च) को ही साबरमती जेल से प्रयागराज शिफ्ट किए जाने के बाद अतीक के खिलाफ 17 साल पुराने मामले में सजा सुनाई गई थी. सजा सुनाए जाने से पहले भी जज डॉ दिनेश चंद्र शुक्ल पुलिस सुरक्षा के साथ कोर्ट पहुंचे थे. उनकी गाड़ी को भी पुलिस की गाड़ियां एस्कॉर्ट कर रही थीं.
प्रयागराज की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी होने के बाद माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ को सुरक्षित तरीके से बरेली के जिला जेल शिफ्ट कर दिया गया है। हालांकि इस दौरान अशरफ ने यूपी पुलिस के एक बड़े अधिकारी पर आरोप लगाया है। उसने बताया है कि उसे जान से मारने की धमकी मिली है। अशरफ ने कहा आगे कहा है कि उसे किसी ना किसी बहाने जेल से निकालने के बाद एनकाउंटर कर दिया जाएगा। हालांकि इस दौरान अशरफ ने धमकी देने वाले पुलिस अधिकारी का नाम नहीं बताया। उसका कहना है कि वो बंद लिफाफे में धमकी देने वाले बड़े अधिकारी नाम भेज देगा।
अशरफ का अपने उपर लगे कई आरोपों पर कहना है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर भी कई झूठे मुकदमे दर्ज हुए हैं, इसके योगी उसका दर्द समझेंगे। उसने बताया की जब उमेश पाल का अपहरण हुआ तब मै जेल में था, वहीं जब उसकी हत्या हुई तब भी मैं जेल में ही था। बता दें कि माफिया अतीक के भाई अशरफ के अनुसार प्रयागराज से बरेली जेल में शिफ्ट होने के दौरान उसे खाने को कुछ भी नहीं दिया गया, जबकि इस दौरान उसने रोजा रखा हुआ था और उसे पानी पीकर रोजा तोड़ना पड़ा।
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