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इस्लाम में शराब पीना है गुनाह, जम्मू-कश्मीर में वाइन पर लगेगी रोक, सख्त कानून की जरूरत!

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में शराबबंदी की मांग उठने लगी है. कुपवाड़ा से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विधायक फैयाज अहमद मीर ने शराबबंदी की मांग को लेकर एक निजी विधेयक लाने का फैसला किया है। तो आइए जानते है आखिर ऐसा करने के पीछे क्या वजह रही होगी.

Islam in Drinking alcohol is a crime
inkhbar News
  • February 12, 2025 5:57 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

जम्मू-कश्मीर: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में शराबबंदी की मांग उठने लगी है. कुपवाड़ा से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विधायक फैयाज अहमद मीर ने शराबबंदी की मांग को लेकर एक निजी विधेयक लाने का फैसला किया है। इसके साथ ही सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के विधायक अहसान परदेसी ने जम्मू-कश्मीर के मुस्लिम बहुल इलाकों में शराब पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए एक निजी विधेयक लाने की घोषणा की है।

निजी विधेयक पेश किया

वहीं दोनों विधेयकों को 3 मार्च से शुरू होने वाले जम्मू-कश्मीर विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पेश किए जाने की संभावना है। फैयाज मीर और अहसान परदेसी ने विधेयकों को विधानसभा सचिवालय को भेज दिया है। पिछले साल अक्टूबर में सत्ता संभालने के बाद उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार का यह पहला बजट होगा। पीडीपी नेता ने जम्मू-कश्मीर में मादक पेय पदार्थों के विज्ञापन, बिक्री, खरीद, उपभोग और निर्माण पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक निजी विधेयक पेश किया है। मीर ने कहा, “मादक पेय पदार्थों का उपयोग बढ़ रहा है। अगर इस समय शराब के सेवन की प्रवृत्ति को नहीं रोका गया तो यह समाज के लिए विनाशकारी साबित होगा।

सख्त कानून की जरूरत

वहीं इसे रोकने के लिए सख्त कानून की जरूरत है।” इस बीच, उमर अब्दुल्ला की पार्टी के विधायक अहसान परदेसी ने कहा कि उनके विधेयक का उद्देश्य क्षेत्र के सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों को संरक्षित करना है। वहीं उन्होंने कहा कि शराब का सेवन कश्मीर की गहरी सूफी परंपराओं के विपरीत है. साथ ही साथ उन्होंने कहा, “शराब की अनियंत्रित बिक्री हमारे धार्मिक और सामाजिक मूल्यों का अपमान करती है।

दंड की मांग की गई

हमारी विरासत हमेशा नशे के खिलाफ रही है और यह विधेयक उन मूल्यों को बनाए रखने की दिशा में एक कदम है। शराब अपराध, नैतिक पतन और नशीली दवाओं की लत को बढ़ावा देती है।” उन्होंने कहा, “ऐसे समय में जब हम नशीली दवाओं के संकट का सामना कर रहे हैं, शराब की आसान उपलब्धता स्थिति को और खराब कर देगी। वहीं दोनों विधेयकों में शराब पीने और बेचने वालों के खिलाफ कारावास और जुर्माने सहित सख्त दंड की मांग की गई है।

 

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