नई दिल्लीः कांग्रेस के युवा नेता जितिन प्रसाद अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं. शांत स्वभाव के जितिन प्रसाद दो बार सांसद रह चुके हैं. पहली बार वह उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से और दूसरी बार धौरहरा से सांसद चुने गए. वह मनमोहन सिंह सरकार (यूपीए एक और दो) में मंत्री भी रह चुके हैं. उनके कार्यकाल में संबंधित मंत्रालय की उपलब्धियों से कांग्रेस आलाकमान काफी खुश था. जितिन प्रसाद की गिनती राहुल गांधी के करीबी नेताओं में होती है. लाइमलाइट से दूर रहते हुए वह 2019 लोकसभा चुनाव के लिए संगठन को मजबूत करने की ओर अग्रसर हैं.
जितिन प्रसाद का जन्म 29 नवंबर, 1973 को यूपी के शाहजहांपुर में हुआ था. उनके पिता स्वर्गीय जितेंद्र प्रसाद (बाबा साहेब) राष्ट्रीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष और उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं.
जितेंद्र प्रसाद भारत के प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी और पी.वी. नरसिम्हा राव के राजनीतिक सलाहकार भी रह चुके हैं. जितिन प्रसाद ने राजनीति के गुर अपने पिता से ही सीखे हैं.
जितिन प्रसाद ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा दून पब्लिक स्कूल (देहरादून, उत्तराखंड) से की. उन्होंने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (दिल्ली यूनिवर्सिटी) से ग्रेजुएशन किया. जितिन ने दिल्ली से ही आईएमआई इंस्टीट्यूट से एमबीए की पढ़ाई पूरी की है.
जितिन प्रसाद साल 2001 में कांग्रेस में शामिल हुए थे. उन्हें भारतीय युवा कांग्रेस में सचिव पद पर नियुक्त किया गया. इसके बाद से वह पार्टी को मजबूत करने में लगे रहे.
साल 2004 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर अपनी गृह लोकसभा सीट शाहजहांपुर से चुनाव लड़ा और विजयी रहे. 2008 में मनमोहन सरकार के पहले कार्यकाल (यूपीए-1) में उन्हें केन्द्रीय राज्य इस्पात मंत्री नियुक्त किया गया. वह इस कैबिनेट में सबसे कम उम्र के मंत्री थे.
2009 लोकसभा चुनाव में क्षेत्र परीसीमन की वजह से उन्होंने धौरहरा से चुनाव लड़ा और करीब पौने दो लाख वोटों से विजयी रहे. यूपीए-2 में वह सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय में केन्द्रीय राज्यमंत्री रहे.
साल 2010 में उन्होंने पत्रकार नेहा सेठ से शादी की. राजनीति से इतर वह घूमना, पढ़ना और जंगल सफारी पर जाना आदि पसंद करते हैं. खाली समय में वह परिवार के साथ वक्त बिताना पसंद करते हैं.
शांतिप्रिय और विकासवादी राजनीति के लिए पहचाने जाने वाले जितिन प्रसाद की कार्यशैली से तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह काफी खुश थे. अपने कार्यकाल में संसदीय क्षेत्र में भी जितिन प्रसाद ने काफी सराहनीय कार्य कराए, जिनके लिए लोग उन्हें आज भी याद करते हैं.
जितिन प्रसाद यूपी के शाहजहांपुर, लखीमपुर तथा सीतापुर क्षेत्र में काफी लोकप्रिय नेता हैं. क्षेत्र की जनता से जमीनी स्तर पर जुड़ाव उन्हें अन्य नेताओं से अलग करता है.
2017 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर तिलहर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा लेकिन वह हार गए. यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर के इस्तीफा देने के बाद जितिन प्रसाद को प्रदेश अध्यक्ष पद का सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है. बहरहाल वह 2019 लोकसभा चुनाव के लिए संगठन को मजबूत करने की बात कह रहे हैं.
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