September 27, 2024
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हम मुसहर हैं… जीतन राम मांझी ने लालू को ललकारा, जिससे छुट गया पसीना और कर दी बोलती बंद!

हम मुसहर हैं… जीतन राम मांझी ने लालू को ललकारा, जिससे छुट गया पसीना और कर दी बोलती बंद!

  • WRITTEN BY: Zohaib Naseem
  • LAST UPDATED : September 26, 2024, 2:28 pm IST

पटना: जाति के मुद्दे पर बिहार के दो बड़े नेता लालू प्रसाद यादव और जीतन राम मांझी आमने-सामने आ गए हैं. कुछ दिनों पहले एक्स (X) पर मांझी ने लालू यादव को लेकर लिखा था कि अगर उनमें हिम्मत है तो वे यह भी कहकर दिखाएं कि हम गैरीडी हैं. इस पर पत्रकारों ने लालू यादव से प्रतिक्रिया ली, जिसके जवाब में राजद सुप्रीमो ने बुधवार (25 सितंबर) को पलटवार करते हुए कहा कि वह मुसहर हैं?

 

वीडियो किया शेयर

 

लालू के इस बयान को मांझी ने एक बार फिर लपक लिया है. इस पूरे मामले पर मांझी ने गुरुवार (26 सितंबर) को एक बार फिर प्रतिक्रिया दी. एक्स (X) पर लालू यादव के इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि लालू जी हम मुसहर-भुईयां हैं, हमारे पिता मुसहर-भुईयां थे, हमारे दादा मुसहर-भुईयां थे, हमारे परदादा मुसहर-भुईयां थे, हमारा पूरा परिवार मुसहर-भुईयां है और हम गर्व से कहते हैं कि हम मुसहर-भुईयां हैं.

 

 

हम मुसहर हैं

 

कुछ दिन पहले मांझी ने एक्स पर लिखा था, ”विपक्षी दलों के गुंडे हमारे घर-दरवाजे तोड़ सकते हैं लेकिन हमारे लोगों का मनोबल नहीं तोड़ सकते. घर जलाने वालों के संरक्षक लालू पाल (गरेड़ी), तुम छुप जाओ राजनीति के लिए आपकी जाति हम कर सकते हैं लेकिन हम नहीं कर सकते। हम गर्व से कहते हैं “हम मुसहर हैं”। अगर लालू जी में हिम्मत है तो वो ये कहकर भी दिखाएं कि हम गरेदी हैं.

बोलने लगे हैं

 

लालू यादव और जीतन राम मांझी के बीच जुबानी जंग से बिहार की सियासत गरमा गई है. राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि पीएम मोदी की संगत में रहने के बाद मांझी भी उन्हीं की भाषा बोलने लगे हैं. सभी जानते हैं कि 90 के दशक में लालू यादव सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़कर दलितों और पिछड़ों की आवाज बने थे. उसी का नतीजा है कि आज जीतन राम मांझी केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री बन गये हैं. ये लालू यादव का ही योगदान है कि आज बीजेपी में भी उनकी पूछपरख हो रही है. जीतन राम मांझी जाति प्रमाण पत्र न बांटें.

 

साफ हो जाएगा

 

इस पूरे मामले पर ‘हम’ प्रवक्ता श्याम सुंदर शरण ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर हिम्मत है तो लालू परिवार अपनी तीन पीढ़ियों की वंशावली जारी करके दिखाए. वहीं लालू प्रसाद की जाति को लेकर सबकुछ साफ हो जाएगा. बिहार में भूमि सर्वेक्षण के लिए वंशावली उपलब्ध कराने का काम चल रहा है. हकीकत तो यह है कि लालू प्रसाद दलित विरोधी मानसिकता वाले व्यक्ति हैं. उन्होंने हमेशा दलितों को अपने पैरों के नीचे रखा. पीएम मोदी द्वारा केंद्र में मंत्री बनाये जाने से लालू प्रसाद घबरा गये हैं.

 

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