झारखंड का चाइनीज मुर्गी बाजार आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। हजारीबाग में कुछ पशुपालक इसका व्यापार कर रहे है। इन मुर्गियों का साइज देसी मुर्गी से बड़ा होता है।
नई दिल्ली : आजकल भारत में चाइनीज चीजों ने बाजार पर अपना दबदबा बना लिया है। हाल के दिनों में झारखंड का चाइनीज मुर्गी बाजार आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। हजारीबाग में कुछ पशुपालक इसका व्यापार कर रहे है। इन मुर्गियों का साइज देसी मुर्गी से बड़ा होता है। चाइनीज मुर्गी के अंडे में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। इसी वजह से इसकी डिमांड दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
यह मुर्गी बाजार में 600 रूपये जोड़ी में बेची जा रही हैं। इसकी खासियत यह है कि 4 महीने में इनका वजन तीन किलो तक हो जाता है। ये मुर्गीयां चार किलो तक की होती हैं। झारखंड आए पशुपालकों का कहना है कि पिछले तीन-चार सालों से यहां उनका आना हो रहा हैं। वो रांची, बोकारो, गोला में पहले भी इन मुर्गियों को बेच चुके हैं।
एक मुर्गी 20 सप्ताह की आयु से 78 सप्ताह की आयु के बीच अंडे देती हैं। चाइनीज मुगियां डेढ़ महीने की उम्र से ही अंडे देने लगती हैं। इनकी फार्मिंग करने वालों को काफी फायदा होता है। इन मुर्गियों को अनाज,बीज और फलियां खिलाया जाता है। इसके एक अंडे की कीमत लगभग 12 से 15 रुपए होती है।
सभी मुर्गों का रंग एक जैसा होता है। काला और ऊपर सफेद धब्बे। करीब दो हजार मुर्गियां लेकर हजारीबाग पहुंचे पशुपालक ने बताया कि बिहार में इसे तीतर और उत्तर प्रदेश में चाइना चिकन के नाम से जाना जाता है। प्रयागराज और उसके आसपास के गांवों में किसान बड़े पैमाने पर चाइनीज मुर्गीयों का पालन कर रहे हैं। सर्दियों में इसकी बिक्री खूब होती है। अंडे की मांग भी खूब होती है।
यह भी पढ़ें ;-
किसानों को शंभू बॉर्डर पर रोका गया, अंबाला के कई इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद