रांची : झारखंड की राजधानी रांची स्थित सीएम आवास पर शनिवार को फिर विधायकों की बैठक बुलाई गई. बैठक खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने महागठबंधन के विधायकों को 3 बसों में भरकर निकले हैं. जानकारी के अनुसार सभी विधायकों को सुरक्षित रिसॉर्ट में ले जाया गया है. इसके अलावा सभी विधायकों का फोन भी ऑफ करावाया गया है. कयास लगाए जा रहे थे कि विधायकों को छत्तीसगढ़ ले जाया जाएगा. हालांकि, नई जानकारी सामने आई है कि यूपीए विधायकों को झारखंड में ही रखा जाएगा. झारखंड के खूंटी रिसॉर्ट में सभी विधायकों को शिफ्ट करने की तैयारी है.
दरअसल जब विधायक मीटिंग में शामिल होने गए थे उसी समय सभी का बैग और बाकी सामान भी गाड़ियों में देखा गया था. संभावना इसलिए जताई जा रही थी कि यूपीए के विधायकों को प्रदेश से बाहर भेजा जा सकता है, सबसे ज्यादा अटकलें छत्तीगढ़ के लिए थीं. ऐसा इसलिए क्योंकि विधायकों को ऐसे प्रदेश में शिफ्ट किया जा सकता है, जहां यूपीए मजबूत हो. हालांकि, सभी विधायक खूंटी के किसी रिसॉर्ट में शिफ्ट हो रहे हैं. इस समय महागठबंधन के सभी विधायक एक साथ हैं. वहीं कांग्रेस के विधायक मीटिंग में शाम को 8:30 बजे शामिल होंगे.
खूंटी स्थित फार्महाउस जाने वाले विधायकों के लिए प्रशासन कि ओर से पुख्ता इंतजाम किए जाने की खबरें हैं. जहां लतरातु जाने वाले हर रास्ते पर आवागमन रोक दिया गया है. वहीं मीडिया कर्मियों को भी पैदल जाने की इज़ाज़त नहीं है. दरअसल हेमंत सोरेन की सीएम की कुर्सी जाने की संभावना की वजह से सीएम ने अपने विधायकों को बचाने की पूरी तैयारी की है. इन विधायकों को बड़ी ही कूटनीतिक तरीके से लाया जा रहा है क्योंकि अगर किसी भी तरह ऐसी स्थिति बनती है और बाद में उन्हें फ्लोर टेस्ट करवाना पड़ा तो उससे पहले विधायकों को व्हिप जारी कर दिया जाएगा. जिसके बाद उन्हें रांची वापस लाया जाएगा. इसलिए अभी कहना मुश्किल है कि कब तक विधायक रांची से बाहर रहेंगे.
जानकारी के मुताबिक अभी चुनाव आयोग का क्या फैसला है इसकी सूचना मुख्यमंत्री आवास तक नहीं पहुंची है। खबरों के मुताबिक चुनाव आयोग कि सिफारिश को लेकर आज राज्यपाल कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। आयोग ने सीएम सोरेन को जनप्रतिधि कानून 1951 की धारा 9ए के उल्लंघन का दोषी पाया है, इसीलिए उनकी सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की गई है।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के एक डेलिगेशन ने फरवरी 2022 में सीएम सोरेन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने रांची के अनगड़ा में अपने नाम पर खनन पट्टा लिया है। इसीलिए उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द की जाए। ये पूरा मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन लीज और शेल कंपनियों में उनकी और उनके करीबियों की हिस्सेदारी से जुड़ा है।
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