नई दिल्ली। झारखंड में शुक्रवार को चंपई सोरेन ने सीएम पद की शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर कांग्रेस तथा झारखंड मुक्ति मोर्चा के 38 विधायकों को हैदराबाद भेज दिया था। अब सभी विधायक वापस लौट रहे हैं। बता दें कि बसों में सवार इन विधायकों को हैदराबाद के लेवनिया रेजॉर्ट से निकलते हुए देखा गया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा को डर था कि भाजपा विधायकों को तोड़ सकती है। लिहाजा उसने विधायकों को फ्लोर टेस्ट तक हैदराबाद के रिजॉर्ट में रखा था। इन सभी विधायकों को विमान से हैदराबाद भेजा गया था।
बता दें कि सोमवार को झारखंड में फ्लोर टेस्ट है। पुलिस अधिकारी रिजॉर्ट के एंट्रेस और एग्जिट पर चौबीसों घंटे तैनात थे। सभी विधायकों को जिन कमरों में ठहराया गया था, उसके बाहर भी पुलिसकर्मियों का पहरा था। कथित ज़मीन घोटाला मामले में गिरफ़्तार झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस्तीफ़े तथा नए मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के शपथ ग्रहण के बीच लगभग 42 घंटों का समय रहा।
सूबे में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), कांग्रेस और आरजेडी की गठबंधन सरकार है। गठबंधन ने दावा किया है कि उसके पास 47 विधायकों का समर्थन है और गुरुवार देर रात गठबंधन ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें 43 MLA को मौजूद दिखाया गया।
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