रांची: झारखंड के दुमका जिले के जरमुंडी स्थित एक पुराने चिकित्सालय में आग लगने की वजह से लाखों रुपए की कोरोना की दवाई सहित कई जीवन रक्षक दवाईयां जलकर राख हो गई है. बता दें कि अस्पताल में आग लगने को लेकर कई लोगों ने स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. लोगों का कहना […]
रांची: झारखंड के दुमका जिले के जरमुंडी स्थित एक पुराने चिकित्सालय में आग लगने की वजह से लाखों रुपए की कोरोना की दवाई सहित कई जीवन रक्षक दवाईयां जलकर राख हो गई है. बता दें कि अस्पताल में आग लगने को लेकर कई लोगों ने स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. लोगों का कहना है कि अस्पताल में रखी हुई जीवन रक्षक दवाइयों में जानबूझकर आग लगाया गया है।
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अस्पताल में आग कैसे लगी. दुमका जिला की जरमुंडी बाजार स्थित पुराने अस्पताल में आग लगने की वजह से स्टोर रूप में रखी लाखों रुपए की दवाइयां सहित ऑक्सीजन सिलेंडर जलकर राख हो गया. अस्पताल में आग लगने की सूचना मिलने के बाद जरमुंडी थाना पुलिस पहुंची और फायर ब्रिगेड की एक टीम बुलाकर आग बुझाने में सफलता मिली।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पुराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 6 महीने पहले बासुकीनाथ में बने नए भवन में शिफ्ट कर इसे बंद कर दिया गया था. हालांकि, इस पुराने अस्पताल में अब भी कुछ दवाइयां और ऑक्सीजन सिलेंडर था, जो आग लगने की वजह से जलकर राख हो गया. लोगों का कहना है कि विभागीय लापरवाही और सुनियोजित तरीके से पुराने अस्पताल में आग लगाई गई है. हालांकि, पुराने अस्पताल में आग लगने की सच्चाई जांच करने के बाद ही पता चलेगा। इस संबंध में नगर पंचायत की अध्यक्ष पूनम देवी ने बताया कि अस्पताल में आग लगने से लाखों रुपए की जीवन रक्षक दवाइयां जलकर नष्ट हो गई।
लोगों का कहना है कि पुराने अस्पताल में आग लगने से जो दवाइयां जलकर राख हुई है उससे हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती थी, लेकिन बंद पड़ी पुराने अस्पताल में जीवन रक्षक दवाइयों को रखना साफ तौर पर विभागीय लापरवाही है, जिसकी जांच होनी चाहिए।
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