Jaunpur Covid Cremation: जौनपुर के अमरपुर गांव में बीते दिन मंगलवार को दोपहर को एक बुजुर्ग व्यक्ति साइकिल पर अपनी पत्नी का शव लेकर सड़कों पर भटकता रहा। लेकिन कोई गांव वाला उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया।
जौनपुर/ उत्तर प्रदेश में कोरोना से हालत खराब होते जा रहे है। अस्पतालों के बाहर लाइनें लगी हुई है। सुविधा न होने की वजह से कई निजी अस्पतालों ने अपने बाहर नोटिस लगा दिया है कि वो नए मरीज भर्ती नही करेंगे। वहीं यूपी के जौनपुर से एक मानवता शर्मसार की खबर सामने आ रही है। कल मंगलवार को आगरा के पारस अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो जाने के चलते 8 मरीजों की मौत हो गई। आगरा के कई निजी अस्पतालों ने अपने दरवाजों पर बेड की अनुपलब्धता का पोस्टर लगा दिए हैं, जिसे देख मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है।
जौनपुर के अमरपुर गांव में बीते दिन मंगलवार को दोपहर को एक बुजुर्ग व्यक्ति साइकिल पर अपनी पत्नी का शव लेकर सड़कों पर भटकता रहा। लेकिन कोई गांव वाला उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया। जब बुजुर्ग ने सोचा कि वह खुद ही शव को मरघट पर ले जाकर अकेले दाह संस्कार करेगा, तो गांवो वाले ने ऐसा करने से भी उसे रोक दिया। बूढ़े सख्स का नाम तिलकधारी सिंह है और मृत महिला उनकी पत्नी राजकुमारी देवी हैं।
दरअसल, महिला की मौत कोविड संक्रमण से हो गई थी। जिसके बाद अस्पताल वाले उनके शव को एम्बुलेस से लाकर रास्ते में ही छोड़ गए। दूसरी तरफ गांव वालों ने तिलकधारी सिंह की पत्नी का कोरोना संक्रमित होने के चलते अंतिम संस्कार नहीं होने दिया।
बुजुर्ग की मदद करने गांव से कोई नहीं आया और न ही कोई कंधा देने आया, न ही सांत्वना देने। इसके बाद, तिलकधारी ने साइकिल पर पत्नी का शव लेकर अकेले ही दाह संस्कार के लिए गांव के पास स्थित नदी की ओर निकल पड़ा। लेकिन गांव वालों ने वह भी न होने दिया। उन्होंने तिलकधारी को शव जलाने से मना कर दिया।
पुलिस मौके पर पहुंची और मामला समझा। कोतवाल इंस्पेक्टर मुन्ना राम धुसियां गांव पहुंचे और राजकुमारी के शव को वापस उसके घर लाए। इसके बाद उन्होंने कफन का इंतजाम करवाया और दाह संस्कार का सारा सामान मंगवाकर रीति रिवाज से राजकुमारी के शव को मुखाग्नि दिलवाई गई। पुलिस की देखरेख में ही दाह संस्कार पूरा हुआ।