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Jammu & Kashmir : जम्मू और कश्मीर में चुनाव को लेकर महबूबा ने उठाये केंद्र की मंशा पर सवाल

जम्मू-कश्मीर पुंछ : Jammu-Kashmir Poonchh Jammu & Kashmir: पूर्व मुख्यमंत्री और PDP ( Peoples Democratic Party ) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ( Mehbooba Mufti ) ने केंद्र सरकार के चुनाव कराने की मंशा पर उंगली उठाई है। उन्होंने कहा है कि कल चुनाव होंगे या नहीं ये तो पता नहीं लेकिन इतना पता है की हमारे […]

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Jammu & Kashmir
  • December 20, 2021 10:03 am Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

जम्मू-कश्मीर पुंछ : Jammu-Kashmir Poonchh

Jammu & Kashmir: पूर्व मुख्यमंत्री और PDP ( Peoples Democratic Party ) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ( Mehbooba Mufti ) ने केंद्र सरकार के चुनाव कराने की मंशा पर उंगली उठाई है। उन्होंने कहा है कि कल चुनाव होंगे या नहीं ये तो पता नहीं लेकिन इतना पता है की हमारे नौजवान बंदूक उठाकर जान देने और नशे की लत से खत्म हो रहे हैं।

Artical अनुच्छेद 370 हटाने से और बिगड़े हालात

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (Peoples Democratic Party) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने रविवार को दावा किया कि अनुच्छेद 370 (Article 370) को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में स्थिति खराब हो गई है और केंद्र शासित प्रदेश के लोगों से उनके छीने गए अधिकारों के लिए खड़े होने का आह्वान किया. महबूबा मुफ्ती ने पुंछ जिले में पार्टी के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए अनुच्छेद 370 को रद्द करने के केंद्र के फैसले को गलत, असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक करार दिया और आरोप लगाया कि ये जम्मू-कश्मीर के लोगों की गरिमा और सम्मान के साथ खिलवाड़ है.

युवाओं को लेकर चिंतित, नौकरी और जमीन हड़पना चाहती है सरकार

PDP पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की केंद्र की मंशा पर भी संदेह जताया. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए सबसे बड़ी जिम्मेदारी युवाओं की है. अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद स्थिति और खराब हो गई है और वो (केंद्र) न केवल हमारी जमीन और नौकरियां छीन रहे हैं, बल्कि हमारे सम्मान के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं. वो तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक वो हमारा अस्तित्व खत्म नहीं कर देते।

एकता से लड़ना ही अधिकारों को हासिल करने का विकल्प 

उन्होंने कहा कि अगर लोग जम्मू-कश्मीर को जीवित रखना चाहते हैं, तो उनके सामने एक ही विकल्प है कि वो अपने छीने गए अधिकारों के लिए दृढ़ संकल्प और एकता के साथ खड़े हों, अन्यथा वो (केंद्र) हमसे सब कुछ लूट लेंगे. उन्होंने कहा कि हमारा संघर्ष पांच अगस्त (2019) को समाप्त नहीं हुआ था, बल्कि ये वो दिन था जब ये वास्तव में शुरू हुआ था. हमें इस संघर्ष को शांतिपूर्ण तरीके से बिना बंदूक और पत्थर उठाए, इसके तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने के लिए आपके समर्थन की आवश्यकता है.

जम्मू-कश्मीर के युवाओं को हताशा की ओर धकेला जा रहा

पीडीपी नेता ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं को हताशा की ओर धकेला जा रहा है ताकि वो मादक पदार्थ लेकर या मारे जाने के लिए बंदूक उठाकर अपना जीवन बर्बाद कर सकें. परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की केंद्र की घोषणा पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुझे नहीं पता कि चुनाव होंगे या नहीं, क्योंकि वो तब तक चुनाव नहीं कराएंगे जब तक कि वो बहुमत के वोट को विभाजित करने के लिए 100 प्रतिशत सुनिश्चित नहीं हो जाते.

धर्म और जाति की राजनीति

कश्मीर हालातों को देखते हुए एक सम्मेलन में पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि वो पहले ही हिंदुओं को अलग कर चुके हैं और दलितों को पीट रहे हैं. अब वो मुस्लिम वोटों को अलग-अलग नामों, पार्टियों और संप्रदायों के आधार पर बांटना चाहते हैं. उन्होंने पहले ही कई पार्टियां बनाई हैं और उनका एकमात्र इरादा विधानसभा में बहुमत हासिल करना है ताकि वो पांच अगस्त, 2019 के फैसले को सही ठहरा सकें. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट में पांच अगस्त के घटनाक्रम के खिलाफ हमारे मामले को कमजोर करना चाहते हैं.

कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए जारी रहेगी कोशिशें- महबूबा मुफ्ती

अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद के जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के लिए बीजेपी से हाथ मिलाने के फैसले का बचाव करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उनकी एकमात्र इच्छा रक्तपात को समाप्त करना और कश्मीर मुद्दे को हल करना था. उन्होंने कहा कि हमने उम्मीद नहीं खोई है और जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास के लिए कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए प्रयास करना जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि हम गांधी (महात्मा गांधी) के भारत में शामिल हुए, न कि उनके हत्यारे गोडसे (नाथूराम गोडसे) के भारत में. केंद्र सरकार ने पांच अगस्त, 2019 को तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य के विशेष दर्जे को रद्द कर दिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था.

 

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