श्रीनगर. जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती अक्सर ही अपने विवादित बयानों के चलते सुर्ख़ियों में बनी रहती हैं. महबूबा मुफ़्ती सरकार पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ती हैं, ऐसे में अब एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने सरकार पर निशाना साधा है. महबूबा मुफ़्ती ने इस […]
श्रीनगर. जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती अक्सर ही अपने विवादित बयानों के चलते सुर्ख़ियों में बनी रहती हैं. महबूबा मुफ़्ती सरकार पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ती हैं, ऐसे में अब एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने सरकार पर निशाना साधा है. महबूबा मुफ़्ती ने इस बार केंद्र सरकार पर संविधान को नष्ट करने का आरोप लगाया है. मुफ़्ती ने कहा कि संविधान ही वो माध्यम है जिसके जरिए कश्मीर भारत से जुड़ा हुआ है, लेकिन सरकार संविधान को ही नष्ट करना चाहती है. बता दें, महबूबा मुफ्ती का यह बयान उस समय आया है जब 24 घंटे के भीतर उन्हें सरकारी बंग्ला खाली करने का नोटिस थमाया गया है, दरअसल, अनंतनाग में उन्हें सरकारी आवास मिला हुआ था, जहां वह कई साल से रह रही थीं और अब उन्हें यही बंगला खाली करने को कहा गया है.
सरकार पर निशाना साधते हुए पीडीपी प्रमुख मुफ्ती ने कहा कि भाजपा ने संविधान को नष्ट करने का काम करना है. उन्होंने कहा, “भारत भाजपा का नहीं है. जब तक भाजपा कश्मीर मुद्दे का समाधान नहीं करती है, तब तक आप कोई परिणाम नहीं निकल सकता फिर चाहे सरकार कितने भी सेंक क्यों न भेज दे.”
जम्मू कश्मीर में पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती समेत सात पूर्व विधायकों को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के हाउसिंग कॉलोनी खानबल इलाके में मिले सरकारी क्वार्टर खाली करने के लिए कहा गया है और साथ ही नोटिस भी दिया गया है. बताया जा रहा है कि इन्हें ये नोटिस शनिवार को दिया गया था.
नोटिस में जिन पूर्व विधायकों के नाम हैं उनमें अब्दुल रहीम राठेर, अब्दुल मजीद भट, मोहम्मद अल्ताफ वानी, और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के सरकारी क्वार्टर नंबर 1, 4, 6 और 7 में रहने वालों के नाम शामिल हैं.
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