Eid Ul Fitr 2025: देश में आज ईद-उल-फित्र का त्योहार मनाया जा रहा है। देशभर के अलग-अलग मस्जिदों और ईदगाहों में ईद की नमाज अता किया जा रहा। उत्तर प्रदेश में सड़क पर नमाज पढ़ने से रोक लगाने के बाद सुबह से ही शहर से लेकर गाँव तक घरों-मस्जिदों-ईदगाहों में नमाज अदा की जा रही है। इधर वाराणसी की जामा मस्जिद पर इतनी भीड़ उमड़ गई कि लोगों को सीढ़ियों पर नमाज अदा करना पड़ा।

सीढ़ियों पर नमाज पढ़ने लगे लोग

इस ख़ास मौके पर वाराणसी की जामा मस्जिद में भारी भीड़ है। एक साथ बड़ी संख्या में नमाजी मस्जिद में पहुंच गए हैं। इस वजह से सभी मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ पाए। सड़क पर नमाज पढ़ने से प्रतिबंध लगाया गया है तो मुस्लिमों ने वाराणसी पुलिस की हिदायत का पूरा ख्याल रखा। उन्होंने जामा मस्जिद की सीढ़ियों पर ही नमाज पढ़ लिया। प्रदेश में शांतिपूर्वक ईद मनाया जा रहा।

अमन-चैन की दुआ

राज्य के करीब 30 हजार मस्जिदों और 40 हजार ईदगाहों पर लाखों मुसलमानों की भीड़ इक्कठी है। अल्लाह की इबादत में सबका सिर झुका हुआ है। नमाज को लेकर कड़ी सुरक्षा -व्यवस्था की गई है। ड्रोन से निगरानी की जा रही है। आगरा में आजाद समाज पार्टियों ने नमाज पढ़ रहे मुस्लिमों के ऊपर फूल बरसायें। मुरादाबाद में मनाही के बाद सड़कों पर एक भी मुसलमान नहीं है। देश में अमन-चैन बना रहे, इसकी दुआ की जा रही है।

यूपी में सड़क पर नमाज से रोक

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में सड़क पर नमाज पढ़ने से रोक के बाद पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। यूपी सरकार के सख्त हिदायत के बाद अगर किसी ने मेरठ में सड़क पर नमाज पढ़ी तो उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया जाएगा। संभल में तो घर की छतों पर नमाज पढ़ने से रोक लगाई गई है। मुरादाबाद में सड़क पर एक भी नमाजी नहीं दिख रहे जबकि पिछले साल ईदगाह के चारों तरफ नमाजियों का हुजूम उमड़ा हुआ था।

क्यों खास है ईद की नमाज

ईद की नमाज ईद का एक अहम हिस्सा है। सामूहिक रूप से अदा की जाने वाली इस खास नमाज में दो रकात (प्रार्थना की इकाइयां) होती हैं, जिसके बाद इमाम द्वारा खुतबा (उपदेश) दिया जाता है। इस उपदेश में धार्मिक और सांसारिक विषयों को दो भागों में शामिल किया गया है।

 

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