Jallikattu 2019: तमिलनाडु का पारंपरिक त्योहार जल्लीकट्टू पोंगल उत्सव के दिन आयोजित कराया जाता है. इस मौके पर चेन्नई के मदुराई में जल्लीकट्टू के खेल मेें तीन लोगों के घायल होने की भी खबर आई है. इंसान और बैलों की इस लड़ाई वाले खेल का वीडियो सामने आया है जिलमें दो तीन लोग बैल की पीठ पर चढ़कर उसे रोकने की कोशिश में लगे हुए है.
नई दिल्ली. चेन्नई का पारंपरिक उत्सव जल्लीकट्टू पोंगल त्योहार पर मनाया जाता है. दक्षिण भारत के कई हिस्सों में आज जल्लीकट्टू का आयोजन किया गया है. बैलों से इंसानों की लड़ाई कराने वाले इस उत्सव में तीन प्रतियोगी घायल हो गए है जिसका वीडियो सामने आया है. पारंपरिक जल्लीकट्टू के उत्साह के बीच मंगलवार को मदुरई के अवनीपुरम में आयोजित किए गए इस खेल में सोमवार को जिले के थाचनुरिची में पोंगल फसल उत्सव के सिलसिले में आयोजित इस खेल में तीन प्रतिभागी घायल हो गए.
वीडियो में दो तीन लोग बैल पर चढ़कर उसे अपने बस में करने की कोशिश में करते दिखाई दे रहे हैं. पुलिस का कहना है कि तीन प्रतियोगियों का पास के सरकारी अस्पताल में इलाज कराया जा रहा है. इवेंट के दौरान, 120 से ज्यादा लोगों ने जल्लीकट्टू में भाग लिया जिसमें 453 बैलों का इस्तेमाल किया गया था. इंसानो से बैलों की इस लड़ाई को देखने के लिए करोड़ो दर्शक वहां मौजूद थे और उनकी सुरक्षा रखने के लिए सारी व्यवस्था की गई थी.
#WATCH Traditional bull-taming event 'Jallikattu' begins in Avaniapuram, Madurai. #MakarSankranti #TamilNadu pic.twitter.com/mUKIwMh1oV
— ANI (@ANI) January 15, 2019
जल्लीकट्टू का खेल पारंपरिक रूप से जनवरी में फसल कटाई का प्रतीक पोंगल के दौरान आयोजित किया जाता है. हालांकि, मई 2014 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जल्लीकट्टू पर प्रतिबंधित लगाया गया था. बैलों को हो रहे नुकसान को देखते हुए जानवरों की सुरक्षा कर रही संस्था पेटा भी इस खेल जल्लीकट्टू पर आपत्ति जता चुकी है. लेकिन चेन्नई, तमिलनाडु और दक्षिण भारत के इस पारंपरिक खेल से लोगों की मान्यताएं और उनकी संस्कृति से जुड़ा हुआ है.
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