बरेली: उमेश पाल हत्याकांड में एक बार फिर बड़ा एक्शन लिया गया है. जहां बरेली जेल के जेलर राजीव मिश्रा, डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह को निलंबित किया गया है. इसके अलावा तीन जेल वार्डन भी निलंबित किए गए हैं. साथ ही पांच पुलिसकर्मी को भी जिम्मेदारी से हटाया गया है. अधीक्षक राजू शुक्ला को […]
बरेली: उमेश पाल हत्याकांड में एक बार फिर बड़ा एक्शन लिया गया है. जहां बरेली जेल के जेलर राजीव मिश्रा, डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह को निलंबित किया गया है. इसके अलावा तीन जेल वार्डन भी निलंबित किए गए हैं. साथ ही पांच पुलिसकर्मी को भी जिम्मेदारी से हटाया गया है. अधीक्षक राजू शुक्ला को भी नोटिस भेजा गया है. दरअसल उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी माफिया अतीक के भाई खालिद अजीम उर्फ़ अशरफ से जेल में मुलाकात कराने और सुविधाएं मुहैया कराने के आरोप में यह कार्रवाई की गई है.
बता दें, अशरफ माफिया अतीक अहमद का भाई और पूर्व विधायक है जो इस समय बरेली की जेल में बंद है. उसे 11 जुलाई, 2020 को इलाहाबाद की नैनी जेल से प्रशासनिक आधार पर बरेली जेल भेजा गया था। उमेश पाल हत्याकांड में अशरफ मुख्य आरोपियों में से एक है पुलिस ने बीते दिनों अशरफ की भी जांच पड़ताल की और पाया कि जेल में उसे कई गुर्गे मिलने आए थे जिनके रिकॉर्ड जेल के पास नहीं थे. साथ ही अशरफ को जेल में कई सुविधाएं भी मुहैया करवाई गई थी. इसी कड़ी में अब बरेली जेल के जेलर को निलंबित कर दिया गया है.
इसके अलावा इस मामले में सिपाही शिवहरि पर अशरफ के गुर्गों को उससे आवेश रूप से मिलवाने का आरोप है. इसी कड़ी में दयाराम पर आरोप है कि वह जेल में अशरफ को कैंटीन का सामान और रुपए आदि सप्लाई किया करता था. अब तक इस मामले में अशरफ, उसके साले सद्दाम, सपा नेता लल्ला गद्दी, दयाराम और शिवहरि के साथ-साथ कुछ अज्ञात अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ तमाम धाराओं में रिपोर्ट दर्ज़ की जा चुकी है.
अतीक अहमद के भाई अशरफ को जेल/केंद्रीय कारागार-2 की कैंटीन में बंदी रक्षक की मदद मिलती थी. वह इसी मदद से अशरफ तक सम्मान सप्लाई करता था. इतना ही नहीं जेल में उसकी करीबियों से मुलाकात भी करवाई जाती थी. यह मुलाकात नकली ID या बिना ID के हुआ करती थी. बड़ी ही चालाकी से गुर्गों को अशरफ तक पहुंचाया जाता था. अब जेल की कैंटीन में सामान सप्लाई करने वाले अशरफ के गुर्गों और बंदी रक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है.
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