नई दिल्ली, जहांगीरपुरी हिंसा को लेकर अब कार्रवाई आगे बढ़ रही है तो नए-नए आयाम भी सामने आ रहे हैं. जहां पुलिस ने हनुमान जयंती को निकाली गयी शोभायात्रा को लेकर अब इसकी अनुमति न लेने की बात कही है. साथ ही मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने कुल 100 उपद्रवियों की पहचान […]
नई दिल्ली, जहांगीरपुरी हिंसा को लेकर अब कार्रवाई आगे बढ़ रही है तो नए-नए आयाम भी सामने आ रहे हैं. जहां पुलिस ने हनुमान जयंती को निकाली गयी शोभायात्रा को लेकर अब इसकी अनुमति न लेने की बात कही है. साथ ही मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने कुल 100 उपद्रवियों की पहचान भी कर ली है.
जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी बताए जा रहे अंसार और असलम को कल रोहिणी कोर्ट में पेश किया गया. जहां पुलिस द्वारा दिए गए बयान के बाद दोनों को एक दिन की कस्टडी में रखा गया था. अब दोनों की पुलिस कस्टडी बढ़ा कर दो दिन और कर दी गयी है. जहां आज पुलिस ने कुल 7 आरोपियों को कोर्ट के सामने पेश किया. बता दें, कल यानि रविवार के दिन कुल 14 आरोपियों को पुलिस द्वारा कोर्ट में पेश किया गया था.
बता दे, अब जहांगीरपुरी हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस द्वारा तैनाती बढ़ा दी गयी है. जहां अब मौके पर पुलिस के साथ-साथ रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की गयी है. हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने प्रेस वार्ता की. जिसमें उन्होंने मामले में हो रही जांच के बारे में जानकारी दी और बताया कि पुलिस द्वारा भी इस मामले में जांच के लिए अब कुल 14 टीमों का गठन. किया गया है. साथ ही कुल 23 आरोपी गिरफ्तार किये गए हैं. इन आरोपियों में से कुल 8 पर पहले से ही आपराधिक मामले दर्ज़ हैं. साथ ही इनमें 2 नाबालिग भी शामिल हैं. इसक अलावा अबतक 100 उपद्रवियों की पहचान की जा चुकी है.
मामले की जांच कर रही पुलिस द्वारा अब ये जानकारी दी गयी है कि हनुमान जयंती के दिन जहांगीरपुरी में निकाली जा रही शोभायात्रा की इज़ाज़त पुलिस ने नहीं दी थी. न ही इस तरह की किसी यात्रा को लेकर पुलिस को सूचित. किया गया था. अब मामले में शोभायात्रा का आयोजन करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम भी इस समय हिंसा स्थल पर मौजूद है. बताया जा रहा है कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास और साजिश रचने जैसे आरोपों में मुकदमा दर्ज किया है. गौरतलब है कि हनुमान जयंती के दिन हुए इस उपद्रव को लेकर दोनों पक्षों के अपने दावे है. शोभायात्रा निकालने वाले लोगों का कहना है कि पीछे से पथराव किया गया तो वहीं दूसरे पक्ष का दावा है कि शोभायात्रा की आड़ में उनके धार्मिक स्थल में घुसने का प्रयास किया गया. जिसके बाद उपद्रव शुरू हुआ.
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