नई दिल्ली. ससंद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है. ऐसे में, संसद के शीतकालीन सत्र के 12वें दिन, भारत-चीन झड़प पर चर्चा की मांग की जा रही थी. राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष चीन पर चर्चा की मांग करते हुए सदन में नारेबाजी करने लगा. जिसपर सभापति जगदीप धनखड़ काफी नाराज़ नज़र […]
नई दिल्ली. ससंद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है. ऐसे में, संसद के शीतकालीन सत्र के 12वें दिन, भारत-चीन झड़प पर चर्चा की मांग की जा रही थी. राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष चीन पर चर्चा की मांग करते हुए सदन में नारेबाजी करने लगा. जिसपर सभापति जगदीप धनखड़ काफी नाराज़ नज़र आए.
विपक्षी सदस्य लगातार नारेबाजी कर रहे थे और हंगामा करते हुए वे सभापति की चेयर के सामने आ गए, जिसके बाद सभापति बहुत नाराज़ हुए और उन्होंने सदस्यों से कह दिया कि आप इस तरह का व्यवहार कैसे कर सकते हैं. आप इस तरह से चेयर के सामने आकर हंगामा नहीं कर सकते हैं. इसी के साथ उन्होंने सदस्यों को वापस अपनी सीट पर जाने के लिए कहा, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे लोग उन्हें सख्त कार्रवाई करने के लिए मजबूर कर रहे हैं.
थोड़ी देर बाद, जब सदस्य थोड़ा शांत हुए और अपनी सीट पर जाकर बैठे तो विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभापति से कहा- ‘विपक्ष के किसी भी सदस्य का मकसद आपका अपमान करना बिल्कुल भी नहीं है, हम तो आपका बहुत आपका सम्मान करते हैं. संसद के लोकतंत्र में ऐसा होता है लेकिन आप तो गुस्से में आ जाते हैं.’ इसपर सभापति बोले- ‘मुझे अब गुस्सा नहीं आता है क्योंकि मैंने 40 साल तक वकालत की है. और वकील को गुस्सा करने का हक नहीं है.’
इसी कड़ी में सभापति जगदीप धनकड़ ने आगे कहा- ‘मुझे गुस्सा नहीं आता, मैं तो परेशान हूं, हताश हूं, हैरान हूं. देश भर से लोग आकर मुझे कहते हैं कि आपने 267 की व्याख्या की. कभी कोई नोटिस 267 के तहत आएगा तो आप मानकर चलिए कि उसपर पूरा ध्यान केंद्रित करना होगा.’
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