मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान को महाकुंभ का सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना जाता है. यह दिन इसलिए भी खास है क्योंकि 144 साल बाद दुर्लभ 'त्रिवेणी योग' बना है. इसके चलते अनुमान है कि कुंभ में करीब 10 करोड़ श्रद्धालु शामिल होंगे.
नई दिल्ली: मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान को महाकुंभ का सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना जाता है. यह दिन इसलिए भी खास है क्योंकि 144 साल बाद दुर्लभ ‘त्रिवेणी योग’ बना है. इसके चलते अनुमान है कि कुंभ में करीब 10 करोड़ श्रद्धालु शामिल होंगे. भक्ति भावना में डूबे श्रद्धालु देश-दुनिया से संगम नगरी प्रयागराज में अमृत स्नान के लिए पहुंच रहे हैं. सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. लेकिन देर रात संगम नगरी में अचानक भगदड़ मच गई. इस कारण कई श्रद्धालु घायल हो गए और कई की मौत हो गई. भगदड़ में फंसे श्रद्धालुओं ने इस मंजर को दिल झकझोर देने वाला बताया है.
इस बीच घटना के समय मौजूद कुछ पीड़ितों ने मीडिया से बात करते हुए बिहार के औरंगाबाद से सूरज यादव ने बताया कि हम 12-13 लोग गंगा स्नान करने आए थे. भगदड़ इतनी मची कि मेरी मां दबकर मर गईं. घटना में अपनी पत्नी को खोने वाले फूलचंद विश्कर्मा ने बताया कि रात में जब हम गंगा स्नान करके बाहर निकले तो देखा कि उस तरफ से गेट खुला हुआ था. दोनों तरफ पब्लिक थी. लोग एक दूसरे को रौंद रहे थे. उसी भगदड़ में मेरी पत्नी की मौत हो गई और मैं आधे घंटे तक भीड़ के नीचे दबा रहा. औरंगाबाद से आए विनय कुमार नाम के व्यक्ति ने बताया कि कुछ लोग घाट की तरफ जा रहे थे. इसी बीच कुछ लोग जो आगे बढ़ गए थे, वे वापस जाने लगे. इधर से जा रहे लोगों ने उन्हें धक्का दिया और कोई निकल नहीं पाया और उस जगह पर पुलिस भी नहीं थी.
मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए मंगलवार रात दो बजे संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी. इसी दौरान बैरिकेडिंग का एक हिस्सा गिर गया और भगदड़ मच गई. कुछ ही मिनटों में स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और लोग इधर-उधर भागने लगे. कई श्रद्धालुओं का सामान नीचे गिर गया, जिससे अफरा-तफरी मच गई. लोग एक-दूसरे को कुचलते रहे. इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हम आराम से जा रहे थे, तभी अचानक भीड़ आ गई और धक्का-मुक्की होने लगी. हमने भागने की कोशिश की, लेकिन जगह नहीं थी. सभी तितर-बितर हो गए. कई लोग घायल हो गए हैं. स्थिति ऐसी है कि हमें पता ही नहीं चल रहा कि क्या हो रहा है.’ देर रात भगदड़ की सूचना मिलते ही पुलिस, अर्धसैनिक बल और दमकल की टीमें मौके पर पहुंच गईं। इलाके में पहले से ही अग्निशमन सेवा का ऑल-टेरेन वाहन मौजूद था, जिसकी मदद से कई घायलों को निकाला गया।
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