मथुरा. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार शहरों के नाम बदलने को लेकर चर्चाओं में है. इस बीच राज्य प्रशासन की पहल पर 12 नवंबर को सात इस्लामी मजार गिरा दी गईं. ये वो मजार थीं जो पवित्र गिरिराज या गोवरधन पर्वत के आस-पास अवैध तरीके से बनी हुई थीं. ये पर्वत हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है और हिंदू मान्यता में इसका अहम स्थान है. कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने इस पर्वत को एक उंगली पर उठा लिया था ताकि बृज के लोगों को इंद्र के प्रकोप से बचाया जा सके जिन्होंने गुस्से में लगातार तेज बारिश की थी.
देशभर से लोग इस पर्वत की परिक्रमा करने के लिए आते हैं. बता दें कि 2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने एक ऑर्डर पास किया था. इस ऑर्डर के तहत राज्य सरकार को आदेश दिए गए थे की पर्वत के आस-पास के इलाकों से अतिक्रमण हटाया जाए. ये ऑर्डर अतिक्रमण और पर्वत के आस-पास ट्रैफिक की समस्या की लगातार आ रही शिकायतों के बाद दिया गया था. इस ऑर्डर को पास करने से पहले 20 मार्च 2015 को शिकायत वाले इलाके की जांच भी की गई थी.
एनजीटी की रिपोर्ट के अनुसार परिक्रमा मार्ग को पूरी तरह नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित किया जाए. रिपोर्ट में कहा गया था कि पर्वत के आस-पास कौन सा इलाका जंगल क्षेत्र है और समय रहते वहां से किसी भी तरह का अतिक्रमण हटाया जाए. इसकी जांच के लिए एक कमिटी बनाई जाए. साथ ही कहा गया कि किसी भी तरह का अवैध निर्माण हटाया जाए जो भक्तों को दर्शन करने में बाधा बन रहा है. वेब पोर्टल माई नेशन के अनुसार एनजीटी से जुड़े एडवोकेट अमित तिवारी ने बताया, ‘गिराई गई 7 मजारों का नाम उस लिस्ट में नहीं था जिसमें पर्वत के आस-पास और परिक्रमा मार्ग पर बनी और गिराए जाने वाली अवैध बिल्डिंग के नाम थे. इन मजारों का नाम हाल ही में हुई एक जांच के बाद सामने आया है’.
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