जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार में क्या मिली कोई खुफिया सुरंग, ASI सर्वे

नई दिल्ली: पुरी स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार से जुड़ी रहस्यमयी सुरंग और खुफिया कमरे की चर्चाएं लंबे समय से लोगों के देखने को मिल रही हैं। हाल ही में ओडिशा सरकार के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने इस पर स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि मंदिर के कोषागार में ऐसी किसी भी संरचना […]

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जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार में क्या मिली कोई खुफिया सुरंग, ASI सर्वे

Yashika Jandwani

  • November 1, 2024 11:43 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 weeks ago

नई दिल्ली: पुरी स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार से जुड़ी रहस्यमयी सुरंग और खुफिया कमरे की चर्चाएं लंबे समय से लोगों के देखने को मिल रही हैं। हाल ही में ओडिशा सरकार के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने इस पर स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि मंदिर के कोषागार में ऐसी किसी भी संरचना के संकेत नहीं मिले हैं।

ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार से हुई जांच

ओडिशा सरकार के निर्देश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार का ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) सर्वेक्षण किया गया। बता दें, इस तकनीक का उद्देश्य भूमिगत ढांचों का पता लगाने के। लिए किया जाता है, जो संभावित गुप्त सुरंग या कमरे के बारे में सटीक जानकारी दे सके। मंत्री हरिचंदन ने बताया कि ASI की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में किसी प्रकार की सुरंग या गुप्त कक्ष के मौजूद होने का कोई प्रमाण नहीं मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि पूरी तरह से सुनिश्चित होने के लिए अंतिम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद इस मामले पर पुख्ता जानकारी सामने आएगी।

कोषागार में दरारें चिंता का विषय

मंत्री हरिचंदन ने यह भी बताया कि रत्न भंडार की दीवारों पर दरारें देखी गई हैं। हालांकि सुरंग या गुप्त कमरे का कोई प्रमाण न मिलने के बावजूद ये दरारें मंदिर की संरचना के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं। ASI के सर्वे के बाद मंदिर प्रशासन ने दरारों की मरम्मत का प्रस्ताव रखा है। वहीं कानून मंत्री ने बताया कि कोषागार की मरम्मत कार्य को तुरंत शुरू करना फिलहाल संभव नहीं है, क्योंकि इस समय कार्तिक का पवित्र महीना चल रहा है। इस दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है, जिससे मरम्मत कार्य में अवरोध उत्पन्न हो सकता है। कार्तिक महीने के बाद मंदिर में भीड़ कम होने पर ASI दरारों की मरम्मत का कार्य शुरू कर सकता है, जिसमें लगभग एक महीने का समय लग सकता है।

विरासत के संरक्षण पर जोर

जगन्नाथ मंदिर की सुरक्षा और ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए सरकार और ASI सतर्कता बरत रहे हैं। मंदिर के प्रशासन और श्रद्धालु आश्वस्त हैं कि संरचना की मरम्मत और भविष्य में किसी भी प्रकार की क्षति से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, जिससे इस ऐतिहासिक मंदिर की गरिमा बरकरार रहे।

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