Ayodhya Ram Mandir Supreme Court Verdict Muslim Reactions: सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या की विवादित जमीन को रामलला पक्ष में देने का फैसला किया है. हालांकि, मुस्लिम पक्ष को भी 5 एकड़ की वैकल्पिक जमीन देने का आदेश दिया है. मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कोर्ट के फैसले को सम्मान दिया है. सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा कि वे कोर्ट के फैसले से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर रामलला पक्ष को दी है. वहीं मुस्लिम पक्ष को विवादित जमीन से अलग 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया है. इस मामले में मुस्लिम पक्ष के मुख्य पक्षकार इकाबल अंसारी ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरी तरह सम्मान करते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि भविष्य में उनकी ओर फैसले को लेकर पुर्नविचार याचिका भी नहीं दाखिल करेंगे. दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयाब गिलानी ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं.
सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान किया लेकिन वे इससे संतुष्ट नहीं है. सुन्नी बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि मुस्लिम पक्ष की पूरी जमीन रामलला पक्ष को देना इंसाफ नहीं. जिलानी ने आगे कहा कि पहले कोर्ट का पूरा फैसला किया जाएगा जिसके बाद आगे अपील करने के बारे में कोई फैसला होगा.
सुन्नी वक्फ बोर्ड का कहना है कि शरियत के अनुसार, मस्जिद किसी और को नहीं दी जा सकती है. इसलिए पहले कोर्ट का पूरा फैसला पढ़ा जाएगा जिसके बाद आगे की कोई रणनीति तैयार की जाएगी. इसके साथ ही सुन्नी वक्फ बोर्ड ने देशभर में फैसले को लेकर शांति बनाए रखने के लिए किसी भी तरह का प्रदर्शन या हिंसा न करने की अपील की है.
Zafaryab Jilani, All India Muslim Personal Law Board: Respect the verdict but the judgement is not satisfactory. There should be no demonstration of any kind anywhere on it. #AyodhyaJudgment pic.twitter.com/g956DuJ5sB
— ANI (@ANI) November 9, 2019
Iqbal Ansari, one of the litigants in Ayodhya case: I am happy that Supreme Court has finally delivered a verdict, I respect the judgement of the court. #AyodhyaJudgment pic.twitter.com/xNlCsguI2b
— ANI (@ANI) November 9, 2019