विश्व बालिका दिवस पर उत्तर प्रदेश के हरदोई जिला प्रशासन की पहल पर सौ से ज्यादा स्कूलों की छात्राओं ने एक साथ एकत्र होकर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया. इस कार्यक्रम से लौटी एक छात्रा की मौत हो गई. मृतक छात्रा के अभिभावकों ने जिला प्रशासन पर अव्यवस्था और लापरवाही का आरोप लगाते हुए अपनी बेटी की मौत का जिम्मेदार बताया है.
हरदोई: विश्व बालिका दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश के हरदोई में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश देकर लौटी 9वीं क्लास की छात्रा की मौत हो गई. छात्रा सुप्रिया शर्मा के माता-पिता का कहना है कि जब वह घर आई तो उसकी तबियत काफी खराब थी. सुप्रिया शर्मा तेज बुखार से जूझ रही थी. पेरेंट्स छात्रा को हॉस्पीटल लेकर पहुंचे जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. छात्रा के पेरेंट्स ने जिला प्रशासन को उसकी मौत का दोषी ठहराया है.
सुप्रिया शर्मा के माता पिता का आरोप है कि जिला प्रशासन ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश देने के लिए बुलाई गई छात्राओं के लिए जिला प्रशासन ने सुरक्षा और देखभाल का पर्याप्त इंतजाम नहीं किया था. छात्रा के पिता ने आरोप लगाया कि वह कार्यक्रम अटेंड करने गई थी. लेकिन वहां अरेंजमेंट के नाम पर कुछ नहीं था. यहां तक कि पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं था. जब मेरी बेटी घर वापस आई तो वह तेज बुखार में तड़प रही थी.
बेसिक शिक्षा अधिकारी हरदोई, हेमंत राव ने सुप्रिया शर्मा के परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि छात्राओं को कार्यक्रम में बुलाने के लिए प्राधिकरण ने सभी व्यवस्था की थी और वे लड़की की मौत के लिए जिम्मेदार नहीं हैं. हेमंत राव ने कहा कि वहां मेडिकल, पीने का पानी सहित जरूरत की सभी चीजें उपलब्ध थीं. लड़की के परिवार द्वारा लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं. इसके साथ ही मामले की जांच की जा रही है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के हरदोई के जीआईसी मैदान में जिलाधिकारी की पहल पर विभिन्न स्कूलों की 11 हजार छात्राओं ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश देकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था. सुप्रिया शर्मा भी इन लड़कियों के साथ कार्यक्रम में शरीक हुई थी. लेकिन उसकी तबियत खराब हो गई और इलाज के दौरान छात्रा ने दम तोड़ दिया. छात्राओं ने पेंटिंग्स और स्लोगन के जरिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया, वहीं, शिक्षक और शिक्षिकाओं ने मानव श्रंखला बनाकर बेटी बचाओ का संदेश दिया.
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