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देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अब भिखारियों का करेगा सफाया, भीख देने वालों पर होगी FIR

मध्य प्रदेश के इंदौर को भिखारी मुक्त शहर बनाने के लिए जिला प्रशासन ने कड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। कलेक्टर ने जानकारी दी कि शहर में भिखारियों रोक लगाने के लिए पहले ही आदेश जारी किए जा चुके हैं। वहीं 31 दिसंबर 2024 तक इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

Indore, the cleanest city of the country, will now eliminate beggars
  • December 17, 2024 12:41 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

भोपाल: मध्य प्रदेश के इंदौर को भिखारी मुक्त शहर बनाने के लिए जिला प्रशासन ने कड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। बता दें जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने घोषणा की है कि 1 जनवरी 2025 से अगर कोई व्यक्ति किसी भिखारी को भीख देता हुआ पाया गया, तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।

कलेक्टर ने जानकारी दी कि शहर में भिखारियों रोक लगाने के लिए पहले ही आदेश जारी किए जा चुके हैं। वहीं 31 दिसंबर 2024 तक इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत लोगों को समझाया जाएगा कि भीख देना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि सामाजिक समस्याओं को बढ़ावा देना भी है।

भिक्षावृत्ति गिरोह का पर्दाफाश

प्रशासन ने हाल के महीनों में भिक्षावृत्ति से जुड़े कई संगठित गिरोहों का पर्दाफाश किया है। इसके साथ ही भीख मांगने वाले कई लोगों को रोजगार दिलाकर उन्हें मुख्यधारा में लाने की कोशिश की गई है। कलेक्टर ने इंदौरवासियों से अपील की है कि वे भीख न देकर इस अभियान में प्रशासन का साथ दें। बता दें इंदौर को भिखारी मुक्त बनाने की यह पहल भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की एक विशेष योजना का हिस्सा है। इस परियोजना में देश के 10 शहरों को शामिल किया गया है, जिनमें भिक्षावृत्ति को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

शहर की छवि में सुधार

प्रशासन का मानना है कि यह कदम न केवल शहर की छवि को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि भिक्षावृत्ति से जुड़े अपराधों और शोषण पर भी रोक लगेगी। इंदौर, जो पहले ही स्वच्छता के क्षेत्र में देश का अव्वल शहर है, अब भिखारी मुक्त बनने की ओर कदम बढ़ा रहा है. प्रशासन ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे इस अभियान में सहयोग करें और भीख न देकर इस सामाजिक बुराई को समाप्त करने में अपनी भूमिका निभाएं। इस पहल को एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे न केवल इंदौर सुंदर बनेगा, बल्कि भिक्षावृत्ति में फंसे लोगों के जीवन में भी सुधार आएगा।

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