नई दिल्ली। हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह शुक्रवार, 27 सितंबर को इजराइली हमले में मारा गया। नसरल्लाह को मारने के लिए इजराइल ने लेबनान के बेरूत स्थित उसके हेड क्वार्टर पर 80 टन बम का इस्तेमाल किया। नसरल्लाह के मारे जाने से दुनिया भर के मुसलमान दुखी हैं। साथ में भारत के मुसलमान भी आतंकी के […]
नई दिल्ली। हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह शुक्रवार, 27 सितंबर को इजराइली हमले में मारा गया। नसरल्लाह को मारने के लिए इजराइल ने लेबनान के बेरूत स्थित उसके हेड क्वार्टर पर 80 टन बम का इस्तेमाल किया। नसरल्लाह के मारे जाने से दुनिया भर के मुसलमान दुखी हैं। साथ में भारत के मुसलमान भी आतंकी के मरने पर रोना-धोना लगा रखे हैं। जम्मू-कश्मीर से लेकर देश के कई राज्यों में वो सड़क पर उतर आये हैं।
बता दें कि भारतीय मुसलमानों द्वारा रोना-धोना करने का सोशल मीडिया पर मजाक उड़ाया जा रहा है। एक आतंकी के मरने पर वो रो रहे हैं। शनिवार-रविवार को घाटी में रुक-रुककर प्रदर्शन हुआ। उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने भी आतंकी के मरने पर दुःख जताया। लद्दाख के कारगिल में भी लोगों ने विरोध मार्च निकाला। पट्टन सीट से चुनाव लड़ रहे इमरान अंसारी ने नसरल्लाह को शेर बताते हुए कहा कि उनकी दहाड़ हमेशा सुनाई देती रहेगी।
इससे पहले रविवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध मार्च निकाला। इजरायल के विरोध में गुपचुप तरीके से मार्च निकाला गया। उन्होंने छोटे इमामवाड़ा से लेकर बड़े इमामबाड़ा तक हजारों की संख्या में मार्च निकाला। हाथों में नसरल्लाह की तस्वीर लेकर वो हिजबुल्लाह की जयजयकारें लगा रहे थे। मुसलमानों ने इस दौरान बेंजामिन नेतन्याहू के पोस्टर भी जलाये। प्रदर्शन में शामिल लोग कह रहे थे कि आज का दिन उनके लिए काला है। बता दें कि इस मार्च बिना पुलिस को बताये हुए निकाला गया था, जिसके बाद यह तय है कि सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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