शहीदों पर सियासत करने वालों को भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया है. सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अन्बू ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 'हम शहादत को सांप्रदायिक रंग नहीं देते. शहीदों का कोई धर्म नहीं होता.' उन्होंने AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी का नाम लिए बगैर कहा कि जो लोग सेना की कार्यशैली को नहीं जानते हैं, वह इस तरह के बयान दे रहे हैं. इस दौरान लेफ्टिनेंट जनरल देवराज ने दो टूक कहा कि जो कोई भी हथियार उठाता है और देश के खिलाफ खड़ा होता है, वह आतंकी है और हम उससे सख्ती से निपटेंगे.
श्रीनगरः भारतीय सेना ने शहीदों पर राजनीति करने वालों को करारा जवाब दिया है. सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अन्बू ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम शहादत को सांप्रदायिक रंग नहीं देते. शहीदों का कोई धर्म नहीं होता.’ जनरल देवराज ने कहा कि जो लोग सेना की कार्यशैली नहीं जानते, वही लोग इस तरह के बयान देते हैं. दरअसल मंगलवार को AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सुंजवां आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों पर विवादित बयान दिया था. ओवैसी ने कहा था कि हमले में शहीद होने वाले 7 में से 5 जवान मुस्लिम थे. इसके बावजूद मुस्लिमों की वफादारी पर शक किया जाता है. इस दौरान ओवैसी ने बीजेपी-पीडीपी गठबंधन पर भी हमला बोला. ओवैसी ने कहा कि दोनों पार्टियां मिलकर ड्रामा कर रही हैं और मलाई खा रही हैं.
सेना की ओर से बुधवार को उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अन्बू ने मीडिया को संबोधित किया. देवराज अन्बू ने कहा कि दुश्मन निराश हो चुके हैं. जब वह सीमा पर नाकाम होते हैं तो आर्मी कैंप पर हमला कर देते हैं. देवराज अन्बू ने कहा, ‘हां हमें युवाओं की चिंता है. युवा आतंकी संगठनों से जुड़ रहे हैं. अब इस बारे में बात करने की जरूरत है. 2017 में हमने इनके (आतंकियों) लीडर्स पर फोकस किया था और उन्हें चिन्हित किया था.’ देवराज अन्बू ने सांसद असदुद्दीन ओवैसी का नाम लिए बगैर कहा कि जो लोग सेना की कार्यशैली को नहीं जानते हैं, वह इस तरह के बयान दे रहे हैं. इस दौरान लेफ्टिनेंट जनरल देवराज ने दो टूक कहा कि जो कोई भी हथियार उठाता है और देश के खिलाफ खड़ा होता है, वह आतंकी है और हम उससे सख्ती से निपटेंगे.
देवराज अन्बू ने बढ़ते आतंकवाद पर चिंता जताते हुए इसके लिए सोशल मीडिया को भी जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की मदद से युवा वर्ग आतंकी गतिविधियों में संलिप्त हो रहा है. इस बारे में गंभीरता से विचार करने की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा में कोई अंतर नहीं है. इनमें शामिल आतंकी संगठनों में आते-जाते रहते हैं. बताते चलें कि बीते शनिवार तड़के सुजवां आर्मी कैंप पर आतंकियों ने हमला कर दिया था. सोमवार को श्रीनगर के सीआरपीएफ कैंप पर भी हमला हुआ. इन दोनों हमलों में 6 जवान शहीद हो गए. हमले में एक सिविलियन की भी मौत हो गई. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इसकी जिम्मेदारी ली थी.
सुंजवान हमले में घायल हुए बहादुर मेजर अभिजीत ने होश में आते ही पूछा- आतंकियों का क्या हुआ?