देश की तीन सबसे पहली महिला लड़ाकू पायलटों में से एक फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी अब भारत की पहली ऐसी महिला पायलट बन गई हैं जिसने अकेले लड़ाकू विमान उड़ाया है. अपनी पहली ट्रेनिंग में उन्होंने MiG-21 bison उड़ाया.
अहमदाबाद. फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी भारत की पहली ऐसी महिला पायलट बन गई हैं जिसने अकेले लड़ाकू विमान उड़ाया है. ऐसा करके उन्होंने इतिहास रच दिया है. अवनी ने जामनगर में अकेले विमान उड़ाने की अपनी पहली ट्रेनिंग में MiG-21 bison उड़ाया. बता दे कि अवनी उन तीन पहली महिला पायलटों में शामिल हैं जिन्हें 18 जून 2016 को भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान के पायलटों में शामिल किया गया था. इस सूची में उनके साथ भावना कांथ और मोहाना सिंह हैं.
हालांकि अवनी ने ये उपलब्धि हासिल कर ली है लेकिन उन पूरी तरह से इसके काबिल होने के लिए अभी और प्रशिक्षण की जरूरत है. फिलहाल उन्हें अभी दो साल की ट्रेनिंग और पूरी करनी है. अभी छह माह तक अवनी शुरुआती ट्रेनिंग का हिस्सा ही रहेंगी. एक वायु सेना अधिकारी ने बताया कि इस ट्रेनिंग के बाद अवनी को रात के अंधेरे में उड़ान सिखाई जाएगी.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए एयर कमांडर प्रशांत दीक्षित ने कहा कि ये देश और भारतीय वायु सेना के लिए अनोखी उपलब्धि है. बता दें कि विश्व में ब्रिटेन, अमेरिका और पाकिस्तान जैसे गिने चुने देश ही महिलाओं को लड़ाकू पायलटों में शामिल करते हैं. साल 2015 के अक्टूबर में भारत सरकार ने लड़ाकू पायलटों में महिलाओं को शामिल करने का फैसला लिया है जबकि आर्मी और नेवी के कुछ पदों पर खास कारणों से अब भी महिलाओं की नियुक्ति नहीं होती है. 1992 में भारतीय सेना ने पहली बार महिलाओं को सेना में चिकित्सा के अलावा किसी और विभाग में नियुक्त किया था.
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