चंडीगढ़: आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. इसको लेकर भाजपा ने हर राज्य के लिए अलग-अलग प्लान बना रही है. बात हरियाणा और पंजाब की करें तो बीजेपी दोनों राज्यों में कुछ अलग ही करती नजर आ रही है. एक ओर जहां पंजाब में अकाली […]
चंडीगढ़: आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. इसको लेकर भाजपा ने हर राज्य के लिए अलग-अलग प्लान बना रही है. बात हरियाणा और पंजाब की करें तो बीजेपी दोनों राज्यों में कुछ अलग ही करती नजर आ रही है. एक ओर जहां पंजाब में अकाली दल से अलग होकर अकेले चुनाव में जा रही है. वहीं हरियाणा में JJP के साथ चुनाव लड़ने जा रही है. आखिर किस रणनीति पर भाजपा काम कर रही है?
लोकसभा चुनाव से पहले एक ओर जहां भाजपा महाराष्ट्र, UP जैसे राज्यों के लिए अपने सहयोगी दलों की संख्या में लगातार इजाफा कर रही है. वही दूसरी तरफ पंजाब में भाजपा अकाली से अलग होकर अकेले चुनाव में जाना चाहती है. इसकी पुष्टि पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने की उन्होंने साफ कर दिया कि पंजाब मे भाजपा अकेले चुनाव लड़ने जा रही है .इसके पीछे बड़ी वजह देखी जाए तो बीजेपी पंजाब में अब अपना खुद की जमीन बनाना चाहती है.
बात अगर हरियाणा की बात करें तो यहां BJP-JJP के साथ 4 साल से सरकार में है. दोनों के गठबंधन हरियाणा में सफल होते दिख रहे हैं. ऐसे में भाजपा यहां कोई भी बदलाव नहीं करना चाहती है. बीजेपी का इस गठबंधंन से अलग नहीं होने का दूसरा कारण JJP का विपक्ष से गठबंधन का डर है.
नई दिल्ली में 18 जुलाई को सम्पन्न हुई NDA की बैठक में पीएम मोदी ने सभी दलों को साथ में मिलकर काम करने को कहा. आगे उन्होंने कहा कि कोई भी दल छोटा बड़ा नहीं होता हमारी विचारधारा नेशन फर्स्ट, प्रोग्रेस फास्ट की है. NDA को लेकर उन्होंने कहा कि NDA किसी का विरोध करने या सत्ता पाने के लिए नहीं बना है बल्कि सत्ता में स्थिरता लाने के लिए बना है.
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