नई दिल्ली। हमारे देश में कई ऐसी परंपरा अभी भी कायम है, जिसे जानकर हमें हैरानी होती है। खासकर आदिवासी जनजातियों में अभी भी कई अजीबोगरीब रीति-रिवाज चलते आ रहे हैं। भारत में हर धर्म में सबसे पवित्र रिश्ता भाई-बहन का माना जाता है। यहां पर भाई-बहनों से संबंधित कई त्यौहार मनाये जाते हैं, जिसमें […]
नई दिल्ली। हमारे देश में कई ऐसी परंपरा अभी भी कायम है, जिसे जानकर हमें हैरानी होती है। खासकर आदिवासी जनजातियों में अभी भी कई अजीबोगरीब रीति-रिवाज चलते आ रहे हैं। भारत में हर धर्म में सबसे पवित्र रिश्ता भाई-बहन का माना जाता है। यहां पर भाई-बहनों से संबंधित कई त्यौहार मनाये जाते हैं, जिसमें भाई अपनी बहन की रक्षा करने का कसम खाता है। हालांकि छत्तीसगढ़ में एक ऐसी जनजाति है जहां भाई-बहन वापस में शादी कर लेते हैं।
छत्तीसगढ़ के धुरवा आदिवासी में भाई और बहन की शादी का रिवाज है। समाज चचेरे, फुफेरे और ममेरे भाइयों से शादी करवा देता है। अगर कोई शादी से इंकार करता है तो उसे सजा के तौर पर जुर्माना भरना पड़ता है। यदि लड़की के पिता अपने भतीजे का रिश्ता मांगते हैं और इंकार कर दिया तो उन्हें जुर्माना भरना पड़ेगा। वहीं लड़की पक्ष ने रिश्ते से इंकार किया तो उन्हें जुर्माना देना पड़ता है।
भाई-बहन में शादी होने से कई नुकसान होते हैं। खासकर ऐसे में जेनेटिक बीमारियां तेजी से बढ़ती है। आने वाली पीढ़ियों में भी इसका असर देखने को मिलता है। अब इस जनजाती के लोग इस तरह की शादी से पीछे हट रहे हैं। वो वापस में शादी करने से मना कर रहे। कई लड़के-लड़कियां अपने माता-पिता के विरुद्ध भी जा रहे हैं। आपको बता दें कि धुरवा जनजाति छत्तीसगढ़ की सबस बड़ी जनजाति मानी जाती है। इसमें पानी को साक्षी मानकर भाई-बहन वापस में शादी कर लेते हैं।
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