नई दिल्ली। महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव के बीच अवैध प्रवासियों का मुद्दा गरमाया हुआ है। इसी बीच टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस यानी TISS की एक रिपोर्ट के सामने आने से महाराष्ट्रा में हड़कंप मच गया। TISS रिपोर्ट के मुताबिक जिस मुंबई में कभी 90 फीसदी हिंदू थे, आने वाले दिनों […]
नई दिल्ली। महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव के बीच अवैध प्रवासियों का मुद्दा गरमाया हुआ है। इसी बीच टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस यानी TISS की एक रिपोर्ट के सामने आने से महाराष्ट्रा में हड़कंप मच गया। TISS रिपोर्ट के मुताबिक जिस मुंबई में कभी 90 फीसदी हिंदू थे, आने वाले दिनों में उनकी आबादी में 54 फीसदी की गिरावट देखी जाएगी। क्या आपको मालूम है कि भारत में एक ऐसा भी राज्य है, जहां पर मुस्लिमों की आबादी हिंदुओं से दोगुनी है।
प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर की कुल जनसँख्या 1 करोड़ 22 लाख से ज्यादा है। प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट में साल 2011 की जनगणना के आधार पर बताया गया है कि यहां पर मुस्लिम आबादी सबसे अधिक है। यहां मुसलमानों की आबादी हिंदुओं के मुकाबले में दोगुनी है। जम्मू-कश्मीर में मुस्लिमों की जनसंख्या 68 फीसदी है, वहीं हिंदुओं की आबादी 28 फीसदी है। यहां पर 1 फीसदी से भी कम ईसाई रहते हैं, जबकि अन्य धर्मों के 3 प्रतिशत लोग रहते हैं।
इन सबके बीच TISS रिपोर्ट ने सबको डरा दिया है। TISS रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ राजनीतिक संस्थाएं वोट के लिए अवैध अप्रवासियों का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रही है। बिना दस्तावेज वाले अवैध अप्रवासी भी फेक वोटर आईडी हासिल कर पा रहे हैं। बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या कुछ राजनीतिक संस्थाओं के लिए फायदेमंद साबित हो रही। आपको बता दें कि 1961 में मुंबई में हिन्दुओं की आबादी 88% थी, जो कि साल 2011 में 66% पहुँच गई। मुस्लिम आबादी जहां 1961 में 8% थी वो अब बढ़कर 21% तक चली गई है।
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